बरेली में पुलिस कांस्टेबल की बहाली: वकील बेटी ने पलटा पिता का फैसला

बरेली में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक पुलिस कांस्टेबल की बर्खास्तगी को उनकी वकील बेटी ने अदालत में चुनौती देकर पलट दिया। यह मामला तब शुरू हुआ जब तौफीक अहमद पर एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा। उनके पिता, जो आईजी हैं, ने उन्हें बर्खास्त कर दिया, लेकिन उनकी बेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तौफीक को फिर से वर्दी पहनने का अधिकार दिलाया। यह घटना बरेली में चर्चा का विषय बनी हुई है, और अब सभी की नजरें आपराधिक मामले के फैसले पर हैं।
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बरेली में पुलिस कांस्टेबल की बहाली: वकील बेटी ने पलटा पिता का फैसला

पुलिस अधिकारी के खिलाफ बेटी का अदालती संघर्ष

बरेली में पुलिस कांस्टेबल की बहाली: वकील बेटी ने पलटा पिता का फैसला


उत्तर प्रदेश के बरेली में एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी के निर्णय को उनकी वकील बेटी ने अदालत में चुनौती देकर बदल दिया। यह मामला जीआरपी के हेड कांस्टेबल तौफीक अहमद से संबंधित है, जिन पर एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था। पहले आईजी जीआरपी डॉ. राकेश सिंह ने विभागीय जांच के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया था, लेकिन उनकी बेटी अनुरा सिंह ने हाईकोर्ट में मुकदमा दायर कर तौफीक को फिर से वर्दी पहनने का अधिकार दिलाया।


यह घटना 12 जनवरी 2023 की है, जब पीलीभीत की एक छात्रा प्रयागराज से बरेली लौट रही थी। छात्रा ट्रेन के कोच नंबर एस-7 में बैठी थी। अगले दिन, 13 जनवरी को, जब ट्रेन बरेली जंक्शन पर पहुंची, तो अधिकांश यात्री उतर गए। इसी दौरान तौफीक अहमद कोच में चढ़ गए और छात्रा के पास बैठ गए।


छात्रा ने आरोप लगाया कि ट्रेन चलने के बाद तौफीक ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। डर गई छात्रा ने तुरंत जीआरपी जंक्शन थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तौफीक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।


आईजी पिता की सख्त कार्रवाई


विभागीय जांच में तौफीक को दोषी पाया गया, जिसके बाद आईजी जीआरपी डॉ. राकेश सिंह ने उन्हें बर्खास्त करने का आदेश दिया। हालांकि, तौफीक ने इस आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की।


बेटी ने अदालत में जीत हासिल की


हाईकोर्ट में तौफीक का पक्ष रखने के लिए उनकी बेटी अनुरा सिंह सामने आईं। उन्होंने अदालत में तर्क दिया कि विभागीय जांच में कई खामियां थीं और बर्खास्तगी का आदेश कानूनी रूप से सही नहीं था। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बर्खास्तगी का आदेश रद्द कर दिया और तौफीक को फिर से पुलिस सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया। हालांकि, ट्रेन में छेड़छाड़ के मामले में आपराधिक मुकदमा अभी भी चल रहा है।


शहर में चर्चा का विषय


यह मामला बरेली में पुलिस विभाग और कानूनी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक ओर, आईजी पिता ने सख्ती से कार्रवाई की, जबकि उनकी बेटी ने कानूनी तरीके से तौफीक की नौकरी वापस दिला दी। इसे वर्दी में वापसी का अनोखा किस्सा माना जा रहा है। अब सभी की नजरें आपराधिक मामले के फैसले पर हैं, जो तौफीक अहमद के भविष्य का असली निर्धारण करेगा।