बरेली में 'आई लव मुहम्मद' प्रदर्शन के दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प
उत्तर प्रदेश के बरेली में 'आई लव मुहम्मद' अभियान के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई। इस घटना के बाद, राज्य के मंत्रियों ने धार्मिक आयोजनों के लिए अनुमति की आवश्यकता पर जोर दिया। जानें इस विवादास्पद प्रदर्शन के पीछे की कहानी और सरकार की प्रतिक्रिया।
Sep 26, 2025, 19:17 IST
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बरेली में प्रदर्शन के दौरान झड़प
उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को नमाज के बाद एक मस्जिद के बाहर पुलिस और स्थानीय निवासियों के बीच संघर्ष हुआ। यह घटना तब हुई जब कई लोग 'आई लव मुहम्मद' अभियान के समर्थन में इकट्ठा हुए थे। इस अभियान का आह्वान स्थानीय मौलवी और इत्तेहाद-ए-मिल्लर काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा ने किया था। पुलिस के अनुसार, आला हज़रत दरगाह के पास और कोतवाली क्षेत्र में मौलवी के निवास के बाहर भीड़ इकट्ठा हुई, जिनके हाथों में 'आई लव मुहम्मद' के बैनर थे। क्षेत्र से आई तस्वीरों में स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प का दृश्य देखा जा सकता है। जब प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, तो सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
सरकारी प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश के मंत्री असीम अरुण ने बरेली में 'आई लव मुहम्मद' विरोध प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन की अनुमति आवश्यक है। उन्होंने कहा, "भारत में धार्मिक स्वतंत्रता है, लेकिन सभी जुलूस और शोभा यात्राएं अनुमति के बाद ही आयोजित की जानी चाहिए। यह नियम है और इसका पालन किया जाना चाहिए। यदि कोई नियमों का उल्लंघन करता है, तो कानून उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।"
मंत्रियों की चेतावनी
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाएं चिंताजनक हैं और कुछ लोग जानबूझकर शांति को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी शांति भंग करेगा, उसे न्याय के दायरे में लाया जाएगा। मंत्री संजय निषाद ने कहा, "यह गलत है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और बिना अनुमति के धार्मिक प्रदर्शन करना अनुचित है। हमारी सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। धार्मिक स्थलों पर पूजा-पाठ होना चाहिए, सड़कों पर हंगामा नहीं।"