बदायूं में कुत्ते के काटने से भैंस की मौत, ग्रामीणों में रेबीज का डर

बदायूं जिले के उझानी क्षेत्र में एक भैंस की कुत्ते के काटने से मौत के बाद ग्रामीणों में रेबीज का डर फैल गया। तेरहवीं संस्कार के दौरान रायता खाने वाले लगभग 200 ग्रामीणों ने एहतियात के तौर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर टीका लगवाया। चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि भैंस की मौत के पीछे कुत्ते का काटना था, लेकिन फिलहाल गांव में कोई बीमारी नहीं फैली है। जानें इस घटना के बारे में और क्या कदम उठाए गए हैं।
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बदायूं में कुत्ते के काटने से भैंस की मौत, ग्रामीणों में रेबीज का डर

भैंस की मौत से ग्रामीणों में दहशत

बदायूं जिले के उझानी क्षेत्र में एक भैंस की कुत्ते के काटने से मौत की खबर ने स्थानीय ग्रामीणों में चिंता का माहौल पैदा कर दिया। इस घटना के बाद, लगभग 200 ग्रामीणों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर एहतियात के तौर पर रेबीज का टीका लगवाया।


तेरहवीं संस्कार में रायता खाने का मामला

ग्रामीणों के अनुसार, 23 दिसंबर को पिपरौल गांव में एक तेरहवीं संस्कार का आयोजन हुआ था, जिसमें सभी को दावत दी गई थी। दावत में रायता भी शामिल था, जिसे कई ग्रामीणों ने खाया। बाद में पता चला कि जिस भैंस के दूध से दही का रायता बनाया गया था, उसे कुछ दिन पहले एक कुत्ते ने काट लिया था।


भैंस की मौत के बाद का डर

26 दिसंबर को भैंस की मौत हो गई, जिसके बाद गांव में संक्रमण फैलने की आशंका के चलते हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने बताया कि इस डर के कारण शनिवार और रविवार को पुरुषों, महिलाओं और युवाओं ने बड़ी संख्या में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर रेबीज का टीका लगवाया।


चिकित्सा अधिकारी की जानकारी

बदायूं जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि गांव में एक भैंस को पागल कुत्ते ने काटा था और उसके बाद भैंस की मौत हो गई। ग्रामीणों ने उस भैंस के दूध से बने दही का रायता खाने की बात भी बताई।


टीकाकरण की सलाह

एहतियात के तौर पर सभी ग्रामीणों को रेबीज का टीका लगवाने की सलाह दी गई। डॉ. मिश्रा ने कहा कि आमतौर पर दूध उबालने के बाद रेबीज का खतरा नहीं होता, लेकिन किसी भी संभावित जोखिम से बचने के लिए टीकाकरण किया गया है।


ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

ग्रामीण जशोदा देवी ने बताया कि तेरहवीं की दावत में सभी ने रायता खाया था। भैंस की मौत और कुत्ते के काटने की जानकारी मिलने के बाद गांव के लोग घबरा गए और एहतियात के तौर पर टीका लगवाने पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि फिलहाल गांव में किसी प्रकार की बीमारी नहीं फैली है और स्थिति सामान्य है।