बदलते मौसम में बच्चों को इंफेक्शन से बचाने के उपाय
बदलते मौसम में बच्चों में इंफेक्शन का खतरा
बच्चों में इंफेक्शन का खतराImage Credit source: Getty Images
बदलते मौसम के दौरान, विशेषकर गर्मी से सर्दी में परिवर्तन के समय, बच्चों में इंफेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है। छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता, जिससे वे वायरस, बैक्टीरिया और एलर्जी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। जैसे ही मौसम बदलता है, सर्दी-जुकाम, फ्लू और अन्य वायरल संक्रमण तेजी से फैलने लगते हैं। इस समय माता-पिता को बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के उपायों पर ध्यान देना चाहिए। बच्चों की दिनचर्या और स्वास्थ्य पर ध्यान देकर संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि बदलते मौसम में बच्चों को किन-किन इंफेक्शनों का खतरा होता है, उनके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है.
बदलते मौसम में बच्चों में कौन से इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है?
अपोलो क्रैडल एंड चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल के सीनियर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. टी.एम. शरत बाबू के अनुसार, बदलते मौसम में बच्चों में सबसे सामान्य और तेजी से फैलने वाले इंफेक्शन में सर्दी-जुकाम, खांसी, फ्लू, वायरल बुखार, गले में खराश, एलर्जी और सांस संबंधी समस्याएं शामिल हैं। अचानक ठंड के कारण इन संक्रमणों का खतरा और बढ़ जाता है.
इनके लक्षणों में बुखार, छींक, नाक बहना, खांसी, गले में दर्द, थकान, सांस लेने में कठिनाई, त्वचा पर रैश या आंखों में जलन शामिल हैं। कुछ बच्चों में एलर्जी के कारण छींक और आंखों में खुजली भी हो सकती है। माता-पिता को इन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि समय पर इलाज से इंफेक्शन गंभीर नहीं होते। सतर्कता और बचाव उपायों से बच्चे स्वस्थ रह सकते हैं और गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं.
बच्चों की देखभाल कैसे करें?
डॉ. टी.एम. शरत बाबू ने बताया कि बच्चों की देखभाल में सबसे महत्वपूर्ण है उनकी इम्यूनिटी को बढ़ाना और स्वच्छता का ध्यान रखना। संतुलित आहार में ताजे फल, हरी सब्जियां और पर्याप्त प्रोटीन शामिल करें। बच्चों को दिनभर हाइड्रेटेड रखें और उन्हें पर्याप्त पानी पिलाएं.
नियमित व्यायाम और खेल से उनकी इम्यूनिटी मजबूत होती है। बच्चों की नींद का सही समय सुनिश्चित करें और उन्हें पूरी नींद लेने दें। मौसम के अनुसार उचित कपड़े पहनाएं और अचानक ठंड या गर्मी में बाहर जाने से बचाएं। बच्चों को धूल, धुएं और प्रदूषण से दूर रखें और घर को साफ-सुथरा रखें.
ये भी जरूरी
हाथों की सफाई नियमित रूप से कराएं.
समय पर वैक्सीनेशन कराएं.
भीड़ और प्रदूषण वाले क्षेत्रों से बचाएं.
शुरुआती लक्षणों पर ध्यान दें और डॉक्टर से सलाह लें.
घर और कमरे को साफ और हवादार रखें.
बच्चों को पर्याप्त आराम और सक्रिय दिनचर्या दें.
