बदलते मौसम में अस्थमा के मरीजों के लिए सावधानियाँ

बदलते मौसम का अस्थमा के मरीजों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे मौसम में बदलाव अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है और डॉक्टर के सुझावों के माध्यम से मरीजों को सुरक्षित रहने के उपाय क्या हैं। जानें कि किस प्रकार से आप अपनी दवाइयों का सही उपयोग कर सकते हैं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
 | 
बदलते मौसम में अस्थमा के मरीजों के लिए सावधानियाँ

बदलते मौसम और अस्थमा

बदलते मौसम में अस्थमा के मरीजों के लिए सावधानियाँ

बदलता मौसम और अस्‍थमा
Image Credit source: Getty Images

बदलते मौसम का प्रभाव: मौसम में बदलाव अस्थमा के रोगियों के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। अस्थमा एक दीर्घकालिक फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें सांस की नलियों में सूजन और संकुचन होता है। इसके लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, खांसी, छाती में जकड़न और सीटी जैसी आवाज शामिल हैं। मौसम के परिवर्तन के दौरान अस्थमा के लक्षण अचानक बढ़ सकते हैं। ठंडी या गर्म हवाएँ, धूल, परागकण और प्रदूषण इस स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं।

मौसम में नमी, ठंड या गर्मी का अचानक परिवर्तन अस्थमा के मरीजों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ठंडी हवा या बारिश की नमी सांस की नलियों को अधिक संवेदनशील बना देती है। इसके अलावा, प्रदूषण और परागकण फेफड़ों में जलन और सूजन को बढ़ाते हैं। इन कारणों से मरीजों को सांस लेने में कठिनाई, लगातार खांसी और छाती में जकड़न का सामना करना पड़ सकता है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन बच्चों और बुजुर्गों पर इसका प्रभाव अधिक गंभीर होता है। इसलिए हल्के लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।


अस्थमा मरीजों के लिए सावधानियाँ

बदलते मौसम में ध्यान रखने योग्य बातें

दिल्ली एमसीडी के डॉ. अजय कुमार का कहना है कि अस्थमा के मरीजों को मौसम के बदलाव के दौरान सतर्क रहना चाहिए। सबसे पहले, अपनी दवाइयों और इनहेलर का नियमित उपयोग करें और डॉक्टर द्वारा निर्धारित खुराक का पालन करें। मौसम के अनुसार अपने घर का वातावरण साफ और धूल-मुक्त रखें। ठंडी हवा या बारिश में बाहर जाने से बचें, और यदि जाना आवश्यक हो तो मास्क पहनें। व्यायाम और योग से फेफड़ों की क्षमता में वृद्धि होती है, लेकिन मौसम के अनुसार हल्का अभ्यास करें। सर्दियों में कमरे में नमी बनाए रखें और गर्मियों में हवादार स्थान पर रहें।

डॉ. अजय कुमार ने यह भी बताया कि यदि अचानक खांसी या सांस लेने में कठिनाई महसूस हो, तो तुरंत इमरजेंसी से संपर्क करें। अस्थमा को नियंत्रित रखने के लिए नियमित चेकअप और फेफड़ों की जांच आवश्यक है।


अन्य महत्वपूर्ण सुझाव

यह भी ध्यान रखें

धूल, धुआं और प्रदूषण से बचें।

ठंडी हवा में बाहर जाने पर साफ कपड़े और शॉल पहनें।

घर में नियमित सफाई और वेंटिलेशन का ध्यान रखें।

धूम्रपान और धुएँ वाले स्थानों से दूर रहें।

यदि खांसी, जकड़न या सांस की समस्या बढ़े, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

अपनी दवाइयों और इनहेलर को हमेशा पास रखें।