बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत: एक गंभीर समस्या

नई दिल्ली में ऑनलाइन गेमिंग की बढ़ती लत
नई दिल्ली : स्कूली बच्चों में ऑनलाइन गेम्स की लत उनके और उनके परिवारों के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही है। आज के डिजिटल युग में, जब संचार क्रांति का दौर है, घंटों तक ऑनलाइन गेमिंग करना बच्चों को मानसिक रूप से प्रभावित कर रहा है। कोरोना महामारी के बाद से बच्चों में मोबाइल का उपयोग बढ़ गया है।
कोरोना के दौरान लॉकडाउन के कारण बच्चों को ऑनलाइन कक्षाएं लेने के लिए मोबाइल या टैबलेट का उपयोग करना पड़ा, जिससे वे गेमिंग के आदी हो गए। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक गेम खेलने से बच्चों में आक्रामकता बढ़ती है और तनाव भी बढ़ता है। कुछ मामलों में, बच्चों को दौरे भी पड़ने लगते हैं। ऑनलाइन गेम्स के कारण बच्चे पढ़ाई से दूर होते जा रहे हैं और इससे उनकी आंखों और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 40 प्रतिशत अभिभावकों ने बताया कि उनके बच्चे सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेमिंग के आदी हैं। इनमें से 49 प्रतिशत अभिभावकों का मानना है कि उनके 9 से 13 साल के बच्चे प्रतिदिन 3 घंटे से अधिक समय इंटरनेट पर बिताते हैं।
हाल ही में पुणे में एक 15 वर्षीय लड़के ने कथित तौर पर ब्लू व्हेल चैलेंज गेम के कारण आत्महत्या कर ली। यह घटना इस बात का संकेत है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत कितनी गंभीर हो सकती है।
बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग से बचाने के लिए अभिभावकों को उनकी गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें खेल के मैदानों में ले जाना, संवाद करना और उनकी समस्याओं को समझना आवश्यक है।
आजकल, ऑनलाइन गेम्स की लोकप्रियता बढ़ रही है, और इसके लिए जिम्मेदार विज्ञापन भी हैं। अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को इन खतरों के बारे में जागरूक करें और उन्हें स्वस्थ गतिविधियों में शामिल करें।
बच्चों को खेलों, किताबों और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करना चाहिए। परिवार के साथ समय बिताना और मनोरंजन की पर्याप्त व्यवस्था करना भी महत्वपूर्ण है।
अभिभावकों को बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहिए और उन्हें ऑनलाइन गेम्स के दुष्प्रभावों के बारे में बताना चाहिए।
संतुलित जीवन जीने के लिए, बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर रखना चाहिए और उन्हें हॉबी फॉलो करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
अंत में, बच्चों को अकेलापन महसूस नहीं होने देना चाहिए और उनके लिए एक स्वस्थ वातावरण बनाना चाहिए।