बच्चों में TMEM167A डायबिटीज: एक नई चुनौती

TMEM167A डायबिटीज की पहचान

बच्चों में डायबिटीज
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TMEM167A डायबिटीज: हाल के वर्षों में, डायबिटीज अब केवल वयस्कों और युवाओं तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह बच्चों में भी देखने को मिल रही है। इस संदर्भ में, इंग्लैंड के शोधकर्ताओं ने एक नई और दुर्लभ प्रकार की डायबिटीज की खोज की है, जो विशेष रूप से छह महीने से कम उम्र के बच्चों में पाई जाती है। इस बीमारी का कारण TMEM167A नामक जीन में उत्परिवर्तन है।
TMEM167A जीन में उत्परिवर्तन के कारण होने वाली यह डायबिटीज टाइप 1, 2 और 3 से भिन्न है। टाइप 1 डायबिटीज में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती है, जबकि टाइप 2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता। टाइप 3 डायबिटीज एक दुर्लभ रूप है जो मस्तिष्क के विकास से संबंधित है। इसके विपरीत, TMEM167A उत्परिवर्तन के कारण होने वाली डायबिटीज में इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाएं सही तरीके से कार्य नहीं कर पातीं, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।
TMEM167A डायबिटीज के लक्षण
बच्चों में TMEM167A डायबिटीज के लक्षण
TMEM167A उत्परिवर्तन के कारण होने वाली डायबिटीज में बच्चों को अत्यधिक प्यास, वजन में कमी, थकान और रक्त में शर्करा का बढ़ना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसके अलावा, इस बीमारी से प्रभावित बच्चों में मस्तिष्क के विकास में रुकावट, जैसे माइक्रोसेफली (सिर का आकार सामान्य से छोटा होना) और मिर्गी जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हो सकती हैं। यह स्थिति जीवनभर बनी रह सकती है या कुछ महीनों बाद ठीक हो सकती है, लेकिन कभी-कभी यह बाद में फिर से उत्पन्न हो सकती है।
डायग्नोसिस और उपचार
डायग्नोसिस और उपचार
इस बीमारी का वर्तमान में कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इंसुलिन थेरेपी के माध्यम से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। जीन परीक्षण और स्टेम सेल मॉडल का उपयोग करके इस बीमारी का निदान किया जा सकता है।