बच्चों पर बुरी नजर के प्रभाव और उतारने के उपाय

बच्चों की कोमलता और बुरी नजर

बच्चे स्वाभाविक रूप से नाजुक होते हैं, जिससे वे जल्दी बुरी नजर का शिकार हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, वे बीमार पड़ सकते हैं और उनकी भूख भी कम हो जाती है। इसके अलावा, सकारात्मक विचार भी नकारात्मकता में बदल सकते हैं। कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं, लेकिन इसके पीछे एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है।
बुरी नजर का विज्ञान
कभी-कभी, हमारे रोमकूप बंद हो जाते हैं, जिससे शरीर बाहरी तत्वों को महसूस नहीं कर पाता। इस स्थिति में, तापमान शरीर के अंदर ही कैद रह जाता है और आयरन की कमी भी हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप, आंखों में समस्या और पलकों में सूजन आ सकती है। हमारे शरीर के पांच तत्वों का संतुलन भी बिगड़ जाता है। इन रोमकूपों को खोलने के लिए विभिन्न उपाय किए जाते हैं।
बुरी नजर के लक्षण
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, बच्चों को बुरी नजर लगने पर कुछ विशेष संकेत दिखाई देते हैं। इनमें चिड़चिड़ापन, बार-बार बीमार होना, उल्टी-दस्त, आंखों का रंग बदलना, और सिरदर्द शामिल हैं। इसके अलावा, अनावश्यक धन का खर्च, बिना कारण बच्चे का रोना, दूध का बार-बार फटना, और घर में नुकसान होना भी बुरी नजर के संकेत माने जाते हैं।
बुरी नजर उतारने के उपाय
1. तांबे के लोटे में भगवान को चढ़ाए गए नाजुक फूल, शकर या दूध डालकर बच्चे पर से 11 बार उतारें। इसे तुलसी के पौधे में डाल दें।
2. यदि बच्चे को मीठी नजर लगी है, तो दोनों हाथों में शकर लेकर उतारें और फिर इसे बाथरूम में बहा दें।
3. नमक, राई, लहसुन, प्याज के छिलके और सूखी लाल मिर्च से बच्चे पर से उतारें और इसे जलती आग में डाल दें।
4. शनिवार को बजरंगबली के मंदिर जाकर सिंदूर लेकर बच्चे के माथे पर लगाएं।
5. स्तनपान करते बच्चे के लिए इमली की तीन छोटी डालियां जलाकर बच्चे के ऊपर से घुमाएं।
6. बच्चे को खाना खाते समय नजर लग जाए तो किसी पेड़ के पत्ते में खाना रखकर गुलाबजल छिड़कें।
7. मिट्टी के बर्तन में लाल मिर्च, अजवाइन और पीली सरसों डालकर आग लगाएं और धूनी से नजर उतारें।
8. दूध पीने में नखरे करने वाले बच्चे पर कच्चा दूध वारकर काले कुत्ते को दें।
9. शनिवार को बच्चे के ऊपर से झाड़ू या चप्पल उल्टे क्रम से उतारें।
10. फिटकरी और पीली सरसों को बच्चे के ऊपर से वारकर चूल्हे में डालें।