बच्चों को नजर से बचाने के उपाय: अंधविश्वास या सच?

बच्चों को नजर लगने के अंधविश्वास के बारे में जानें और इसके प्रभाव से बचने के उपायों की खोज करें। क्या काले धागे का उपयोग सच में मदद करता है? जानें तांबे के लोटे, हनुमान जी के सिंदूर और अन्य उपायों के बारे में। क्या ये उपाय वास्तव में असरदार हैं? इस लेख में हम नजर दोष से बचने के विभिन्न तरीकों पर चर्चा करेंगे।
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बच्चों को नजर से बचाने के उपाय: अंधविश्वास या सच?

नजर लगने का अंधविश्वास


हमारे समाज में कई ऐसी मान्यताएँ हैं जिन्हें अंधविश्वास माना जाता है, फिर भी उनका प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इनमें से एक है बच्चों का नजर लगना। यह एक मानसिक भ्रम या अंधविश्वास के रूप में देखा जाता है, लेकिन जब छोटे बच्चे अचानक इससे प्रभावित होते हैं, तो इसे नजरअंदाज करना मुश्किल हो जाता है। छोटे बच्चे अक्सर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं और उनकी मासूमियत के कारण जल्दी नजर लग जाती है। माना जाता है कि बुरी नजर लगने से बच्चों की सकारात्मक ऊर्जा कम हो जाती है, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है।


नजर से बचाव के उपाय

बच्चों को नजर से बचाने का एक प्रभावी तरीका काले धागे का उपयोग करना है। काला धागा राहु-केतु का प्रतीक माना जाता है। अक्सर बड़े बुजुर्ग बच्चों के हाथ, पैर और कमर में काले धागे बांधते हैं, जिससे उनकी नजर से रक्षा होती है।


यदि किसी बच्चे को नजर लग जाए, तो नजर उतारने के लिए एक तांबे के लोटे में पानी और ताजे फूल लेकर बच्चे के सिर से 11 बार उतारें। इसके बाद इसे किसी पौधे के गमले में डाल दें। ऐसा करने से बच्चे पर नजर का प्रभाव कम हो सकता है।


इसके अलावा, शनिवार को हनुमान जी के मंदिर जाकर उनके कंधे से थोड़ा सा सिंदूर लेकर उसे बच्चे के माथे पर लगाना भी एक उपाय है। ऐसा करने से बच्चे पर नजर का प्रभाव कम होता है।


बच्चे की नजर उतारने के लिए लाल मिर्च, अजवाइन और पीली सरसों को मिट्टी के बर्तन में जलाना भी एक प्रथा है। इसके धुएं को नजर लगे बच्चे के पास लाने से नजर दोष दूर हो जाता है।


यदि बच्चा लगातार बीमार और परेशान रहता है, तो सात लाल मिर्च लेकर उसे बच्चे के ऊपर से तीन बार घुमाकर जलती आग में डाल दें। ऐसा करने से बच्चे पर लगी नजर दूर होने की मान्यता है।