बच्चों को नजर दोष से बचाने के उपाय: अंधविश्वास या सच?

नजर दोष: एक अंधविश्वास या वास्तविकता?
भारत में कई ऐसी मान्यताएँ हैं जिन्हें अंधविश्वास माना जाता है, फिर भी उनका प्रभाव समाज में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इनमें से एक है नजर लगना। इसे मानसिक भ्रम या अंधविश्वास के रूप में देखा जाता है, लेकिन जब छोटे बच्चे इसकी चपेट में आते हैं, तो यह विश्वास करना कठिन हो जाता है। छोटे बच्चे अक्सर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं और उनकी मासूमियत के कारण जल्दी नजर लग जाती है। माना जाता है कि बुरी नजर लगने से बच्चों की सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित होती है, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है।
बच्चों को नजर दोष से बचाने का एक प्रभावी तरीका काले धागे का उपयोग करना है। काला धागा राहु-केतु का प्रतीक माना जाता है। अक्सर बड़े बुजुर्ग बच्चों के हाथ, पैर और कमर में काले धागे बांधते हैं, जिससे उनकी नजर दोष से सुरक्षा होती है।
यदि किसी बच्चे को नजर लग जाए, तो नजर उतारने के लिए एक तांबे के लोटे में पानी और ताजे फूल लेकर बच्चे के सिर से 11 बार उतारें और इसे किसी पौधे के गमले में डाल दें। ऐसा करने से बच्चे पर नजर दोष का प्रभाव कम हो सकता है।
बच्चे की नजर उतारने के लिए शनिवार को हनुमान जी के मंदिर जाकर उनके कंधे से थोड़ा सा सिंदूर लाकर बच्चे के माथे पर लगाना चाहिए। यह मान्यता है कि इससे बच्चे पर नजर दोष का प्रभाव कम होता है।
बच्चे की नजर दोष से मुक्ति के लिए लाल मिर्च, अजवाइन और पीली सरसों को मिट्टी के बर्तन में जलाना चाहिए। इसके बाद इसका धुआं नजर लगे बच्चे को देना चाहिए। ऐसा करने से नजर दोष ठीक हो जाता है।
यदि किसी बच्चे को नजर लग गई है और वह लगातार बीमार रहता है, तो सात लाल मिर्च लेकर बच्चे के ऊपर से घुमाते हुए तीन बार वारें और इन मिर्च को जलती हुई आग में डाल दें। ऐसा करने से बच्चे पर लगी नजर दूर हो जाती है।