बच्चों के दांतों की देखभाल: कब और कैसे शुरू करें?

बच्चों के दांतों की देखभाल का महत्व
अधिकतर माता-पिता यह सोचते हैं कि बच्चों के दांतों की देखभाल कब और कैसे शुरू करनी चाहिए। दंत विशेषज्ञ डॉ. मोइन खान ने इस विषय पर जानकारी दी है कि बच्चों के पहले दांत के निकलने के साथ ही ब्रश करना शुरू कर देना चाहिए। इस आदत को जल्दी से अपनाने से बच्चों के दांतों की दीर्घकालिक सेहत सुनिश्चित होती है और दंत समस्याओं का जोखिम कम होता है।

डॉ. खान ने बताया कि माता-पिता अक्सर मानते हैं कि दूध के दांतों की देखभाल करना जरूरी नहीं है क्योंकि वे बाद में गिर जाएंगे, लेकिन यह धारणा गलत है। दूध के दांत स्थायी दांतों की नींव रखते हैं। यदि इनकी सही देखभाल नहीं की गई, तो बच्चों को जल्दी ही दांतों में सड़न, कैविटी और मसूड़ों की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि सुबह और रात दोनों समय ब्रश करना अत्यंत आवश्यक है। दिनभर जो कुछ भी बच्चे खाते हैं, उसका असर उनके दांतों पर पड़ता है। खासकर रात में ब्रश न करने पर, खाने के कण दांतों के बीच फंस सकते हैं, जिससे बैक्टीरिया का विकास होता है और दांत कमजोर हो सकते हैं। इसलिए, सोने से पहले ब्रश करना सुबह के ब्रश करने के समान महत्वपूर्ण है।
ब्रश चुनते समय सावधानी बरतना भी जरूरी है। डॉ. खान के अनुसार, बच्चों को हमेशा उनकी उम्र के अनुसार छोटे ब्रश का उपयोग करना चाहिए। इसके ब्रिसल्स बहुत नरम होने चाहिए ताकि उनके नाजुक मसूड़ों को नुकसान न पहुंचे। कठोर ब्रश मसूड़ों को चोट पहुँचा सकते हैं और बच्चे ब्रश करने से कतराने लगते हैं।
उन्होंने टूथपेस्ट के चयन पर भी जोर दिया। उन्होंने सलाह दी कि छोटे बच्चों के लिए कम फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट का उपयोग करना चाहिए। बहुत छोटे बच्चों के लिए, केवल थोड़ी मात्रा में टूथपेस्ट लगाना चाहिए ताकि यदि वे इसे निगल लें तो कोई हानि न हो।
डॉ. खान ने कहा कि बच्चों के लिए ब्रश करना मजेदार बनाना माता-पिता की जिम्मेदारी है। यदि माता-पिता अपने बच्चों के साथ खड़े होकर खुद भी ब्रश करते हैं, तो बच्चे इसे एक खेल के रूप में अपनाने लगेंगे। इस आदत को मजबूत करने के लिए गाने, कहानियाँ या टाइमर का उपयोग किया जा सकता है ताकि बच्चे ब्रश करने में बोर न हों।
उन्होंने आगे कहा कि 6 महीने से 6 साल की उम्र बच्चों के दांतों की देखभाल के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय है। इस दौरान बच्चों में अच्छे मौखिक स्वच्छता की आदतें डाली जा सकती हैं। यदि माता-पिता इस मामले में सतर्क रहें, तो बच्चे बड़े होने पर भी नियमित रूप से ब्रश करते रहेंगे और दंत समस्याओं से मुक्त रहेंगे।
अंत में, डॉ. मोइन खान ने सलाह दी कि बच्चों को हर 6 महीने में दंत चिकित्सक के पास चेकअप के लिए ले जाना चाहिए। इससे किसी भी प्रारंभिक दंत समस्या की पहचान और उपचार किया जा सकता है।
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