बच्चों की परवरिश में माता-पिता की 7 गलतियाँ और सुधार के उपाय

बच्चों की परवरिश में सुधार के लिए आवश्यक बातें
बच्चों की परवरिश एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। उनके भविष्य को संवारने के लिए कभी-कभी सख्ती बरतनी पड़ती है, तो कभी प्यार से समझाना आवश्यक होता है। इस प्रक्रिया में कई माता-पिता अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पाते और गुस्सा बच्चों पर निकाल देते हैं। बच्चों पर चिल्लाना, हर बात पर डांटना, या प्यार की कमी रखना, उनके अंदर गुस्से को बढ़ावा देता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी गलतियों को पहचानें और उन्हें सुधारने का प्रयास करें। आइए जानते हैं कि आप अपनी किन आदतों में बदलाव कर सकते हैं।
माता-पिता को किन आदतों में बदलाव करना चाहिए:
बच्चों को अपमानित करना: यदि आप बच्चों के साथ सम्मान से बात नहीं करते या उन्हें सार्वजनिक रूप से डांटते हैं, तो इससे उनके अंदर गुस्सा पैदा होता है। याद रखें, जितना अधिक आप उन्हें सम्मान देंगे, वे उतना ही सकारात्मक व्यवहार सीखेंगे।
गुस्से में अनुशासन सिखाना: जब आपका बच्चा गुस्से में हो, तो उसे अनुशासन सिखाने का प्रयास बाद में करें। गुस्से में सिखाने से वह और भी चिढ़ जाएगा। पहले खुद को शांत करें, फिर अनुशासन की बात करें।
मूड के अनुसार सिखाना: कई माता-पिता खराब मूड में बच्चों को अनुशासन सिखाते हैं, जबकि अच्छे मूड में उन्हें छूट देते हैं। इससे बच्चे भ्रमित हो जाते हैं। इसलिए, नियमों का पालन हर समय करें।
एक ही बात को बार-बार कहना: यदि आप एक ही बात को बार-बार दोहराते हैं, तो बच्चे चिढ़ जाते हैं। बेहतर है कि आप उन्हें संक्षेप में समझाएं।
घर का माहौल: यदि घर में नकारात्मकता है, तो इसका बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे बच्चे बाहर भी गुस्से में रहते हैं।
माता-पिता का व्यवहार: यदि माता-पिता एक-दूसरे के प्रति सम्मान दिखाते हैं और बच्चों के सामने एक-दूसरे की बुराई नहीं करते, तो इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
नकारात्मक बातें करना: यदि आप हमेशा शिकायत करते रहते हैं, तो बच्चे भी नकारात्मकता को अपनाने लगते हैं। इसलिए, अपनी आदतों में बदलाव लाएं और बच्चों को गुस्से में आने से रोकें।