फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप: जानें इसके लक्षण और उपचार

फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप एक गंभीर स्थिति है जो दिल और फेफड़ों को प्रभावित करती है। इसके लक्षण जैसे थकान, सांस फूलना और सीने में दबाव को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। समय पर पहचान और उपचार से इस बीमारी से बचा जा सकता है। जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार के बारे में अधिक जानकारी के लिए पूरा लेख पढ़ें।
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फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप: जानें इसके लक्षण और उपचार

दिल और फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए सावधानियाँ

दिल की देखभाल के सुझाव: यदि आप बिना किसी विशेष प्रयास के थकान महसूस करते हैं, सीढ़ियाँ चढ़ते समय सांस फूल जाती है या सीने में हल्का दबाव महसूस होता है, तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।


आप फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप का शिकार हो सकते हैं, जो एक गंभीर स्थिति है जो धीरे-धीरे दिल और फेफड़ों को कमजोर कर देती है।


फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप: एक खामोश खतरा


इस स्थिति में, फेफड़ों में रक्त पहुंचाने वाली रक्त वाहिकाएँ संकरी और कठोर हो जाती हैं, जिससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। समय के साथ, दिल के कक्ष कमजोर हो जाते हैं और अंततः दिल की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।


AIIMS और अन्य प्रमुख संस्थानों के हृदय रोग विशेषज्ञ इसे 'साइलेंट थ्रेट' मानते हैं, क्योंकि इसके लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और जब तक इसका निदान होता है, तब तक शरीर को गंभीर नुकसान हो चुका होता है।


फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप के प्रारंभिक लक्षण क्या हैं?


कुछ सामान्य लक्षण जो गंभीर बीमारी की ओर इशारा करते हैं:



  • हल्की शारीरिक गतिविधियों में थकान

  • लंबे समय तक चलने वाली खांसी

  • सीने में दबाव या भारीपन

  • सांस लेने में कठिनाई, विशेषकर दौड़ने या चढ़ाई के दौरान

  • पैरों, टखनों और पेट में सूजन

  • चक्कर आना या अचानक बेहोश होना


फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप के कारण क्या हैं?


इस स्थिति के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:



  • फुफ्फुसीय धमनियों की दीवारों का मोटा होना, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है।

  • लंबे समय तक कम ऑक्सीजन स्तर में रहना।

  • फुफ्फुसीय फाइब्रोसिस और संयोजी ऊतक विकार जैसी पुरानी बीमारियाँ।


कुछ मादक पदार्थों का सेवन, जो फेफड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।


इलाज संभव है, लेकिन समय पर पहचान आवश्यक है


इस बीमारी के उपचार के लिए सबसे पहले मरीज के दिल और फेफड़ों की गहन जांच की जाती है। यदि डॉक्टर को फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप का संदेह होता है, तो कुछ आवश्यक परीक्षण किए जाते हैं:



  • छाती का एक्स-रे

  • 2D इकोकार्डियोग्राम


कार्डियक कैथेटराइजेशन — इससे धमनियों में रक्त प्रवाह का सीधा आकलन किया जाता है।


इलाज में वासोडिलेटर्स, ऑक्सीजन थेरेपी और कभी-कभी हृदय सर्जरी भी शामिल हो सकती है, जो बीमारी के चरण पर निर्भर करती है।


जल्दी पहचान ही बचाव की कुंजी है


यदि आपको बार-बार सांस फूलने की समस्या हो रही है या बिना कारण दिल पर दबाव महसूस हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप कोई साधारण बीमारी नहीं है, और लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।