फास्टैग नियमों में बदलाव: जानें नई टोल दरें और राहत

नई फास्टैग नियमों की जानकारी

नई दिल्ली। फास्टैग से जुड़े नए नियमों की जानकारी सभी वाहन चालकों के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर जो नियमित रूप से हाइवे पर यात्रा करते हैं। 15 नवंबर से फास्टैग के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं। ये परिवर्तन सीधे तौर पर वाहन चालकों को प्रभावित करेंगे।
केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि 15 नवंबर से यदि कोई वाहन बिना वैध फास्टैग के टोल प्लाजा पर प्रवेश करता है, तो उसे नकद भुगतान करने पर सामान्य शुल्क का दोगुना भुगतान करना होगा। हालांकि, जो लोग यूपीआई के माध्यम से भुगतान करेंगे, उन्हें थोड़ी राहत मिलेगी।
राहत पाने वाले वाहन चालक
बिना वैध फास्टैग के टोल प्लाजा पर प्रवेश करने वाले वाहन यदि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का उपयोग करते हैं, तो उन्हें टोल का केवल 1.25 गुना ही भुगतान करना होगा।
यह कदम राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम 2008 में संशोधन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य नकद लेनदेन को कम करना और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है।
नए नियम को सरल भाषा में समझें: यदि किसी वाहन के पास वैध फास्टैग नहीं है और उसे टोल के लिए 100 रुपये का भुगतान करना है, तो नकद में यह बढ़कर 200 रुपये और UPI के माध्यम से 125 रुपये हो जाएगा।
इस नए नियम से यातायात प्रवाह को बेहतर बनाने और टोल संग्रह में पारदर्शिता लाने की उम्मीद है। साथ ही, यह यात्रियों को डिजिटल भुगतान अपनाने के लिए भी प्रेरित करेगा।
फास्टैग क्या है?
फास्टैग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा संचालित एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है, जो हाइवे पर यात्रा करने वाले वाहनों को डिजिटल तरीके से टोल का भुगतान करने की सुविधा देती है। यह टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग करता है, जिससे टोल शुल्क स्वचालित रूप से काटा जाता है।
2021 में केंद्र सरकार ने फास्टैग को वाहनों के लिए अनिवार्य किया था, और इसके उपयोग का विस्तार किया जा रहा है। नए नियमों के तहत, अधिकारियों को उम्मीद है कि नकद भुगतान में कमी आएगी और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा।
3000 रुपये में पास की सुविधा
इस वर्ष 15 अगस्त को NHAI ने FASTag-आधारित वार्षिक पास लॉन्च किया, जो टोल भुगतान के लिए RFID कार्ड को बार-बार रिचार्ज किए बिना राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा की अनुमति देता है। यह प्रीपेड पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए लागू है।