फरीदाबाद में आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़, डॉ. उमर नबी पर संदेह
फरीदाबाद में सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई
हरियाणा के फरीदाबाद में 8 से 10 नवंबर के बीच सुरक्षा बलों ने एक महत्वपूर्ण छापेमारी की, जिसके परिणामस्वरूप एक व्हाइट कॉलर आतंकवादी मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ। इस कार्रवाई ने डॉ. उमर नबी को घबराहट में डाल दिया, जो एक प्रमुख संदिग्ध माने जाते हैं। उन्हें यह संदेह है कि वह सोमवार शाम को लाल किले के पास विस्फोट करने वाली i20 कार के मालिक हैं। डॉ. उमर, जो पुलवामा के एक अस्पताल में कार्यरत हैं, उस सफेद हुंडई i20 कार को चला रहे थे, जिसमें विस्फोट हुआ था, जिसमें कम से कम 10 लोगों की जान गई।
छापेमारी में बरामद सामग्री
सुरक्षा एजेंसियों ने फरीदाबाद में की गई छापेमारी के दौरान लगभग 3,000 किलोग्राम विस्फोटक, डेटोनेटर, टाइमर और बम बनाने के अन्य उपकरण बरामद किए। यह व्हाइट कॉलर आतंकवादी मॉड्यूल पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गज़वत-उल-हिंद (AGuH) से जुड़ा हुआ है। जांचकर्ताओं का मानना है कि विदेशी हैंडलर इस मॉड्यूल को संचालित कर रहे थे। डॉ. उमर नबी इस नेटवर्क का हिस्सा थे और जब सुरक्षा कार्रवाई शुरू हुई, तो वह घबरा गए।
अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी
9 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर और नौगाम में जैश-ए-मोहम्मद के आपत्तिजनक पोस्टर पाए। इसके बाद मौलवी इरफान अहमद और ज़मीर अहमद को गिरफ्तार किया गया। 5 नवंबर को एक अन्य संदिग्ध, अदील, जो एक डॉक्टर है, को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पकड़ा गया। दो दिन बाद, 8 नवंबर को, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के एक अस्पताल से एक AK-56 राइफल और विस्फोटक बरामद किए गए। पूछताछ के दौरान, इस मॉड्यूल में अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता के बारे में भी जानकारी मिली। इसके बाद डॉ. मुज़म्मिल को भी गिरफ्तार किया गया।
