प्लेट में बचे हुए खाने का अर्थ और इसके नकारात्मक प्रभाव

इस लेख में हम जानेंगे कि प्लेट में बचे हुए खाने को क्यों अशुभ माना जाता है और इसके पीछे के धार्मिक और सामाजिक कारण क्या हैं। साथ ही, जानें कि यदि खाना बच जाए तो हमें क्या करना चाहिए। यह जानकारी आपको भोजन के प्रति सम्मान और आभार की भावना को बढ़ाने में मदद करेगी।
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प्लेट में बचे हुए खाने का अर्थ और इसके नकारात्मक प्रभाव

प्लेट में बचे हुए खाने का महत्व


प्लेट में बचे हुए खाने का अर्थ: भोजन हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें ऊर्जा, शक्ति और जीवन जीने की क्षमता प्रदान करता है। भारतीय संस्कृति में, भोजन को केवल खाने की चीज नहीं माना जाता, बल्कि इसे देवी अन्नपूर्णा का आशीर्वाद माना जाता है। यही कारण है कि भोजन का सम्मान और आदर करना एक परंपरा रही है। हालाँकि, आजकल कई लोग अपने प्लेट में थोड़ा खाना छोड़ देते हैं। कुछ इसे आदत समझते हैं, जबकि कुछ इसे लापरवाही या शौक मानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लेट में बचे हुए खाने को अशुभ माना जाता है और इसके कई नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं? आइए भोपाल के ज्योतिषी और वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से विस्तार से जानते हैं।


प्लेट में बचे हुए खाने को गलत क्यों माना जाता है?

हिंदू धर्म में, भोजन को देवी अन्नपूर्णा का स्वरूप माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भोजन का अपमान करने से देवी अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं। प्लेट में बचे हुए खाने को भोजन का अपमान माना जाता है, जिससे घर में धन और अनाज की कमी हो सकती है और समृद्धि घट सकती है। इसलिए घर के बड़े लोग हमेशा बच्चों को सलाह देते हैं कि वे अपने प्लेट को साफ करें और केवल उतना ही खाएं जितना उन्हें आवश्यकता हो।


पूर्वजों की नाराजगी का डर

पुरानी मान्यताओं के अनुसार, यदि प्लेट में खाना छोड़ दिया जाए तो पूर्वज खुश नहीं होते। ऐसा करने से पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है, और परिवार को अनचाही समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, पूर्वजों को खुश रखने के लिए भोजन का सम्मान करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।


घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश

धार्मिक ग्रंथों और ज्योतिष में कहा गया है कि भोजन का अपव्यय घर में नकारात्मक ऊर्जा लाता है। इसका असर परिवार की खुशी, शांति और समृद्धि पर पड़ता है। जब घर के लोग भोजन का सम्मान नहीं करते, तो धीरे-धीरे घर का माहौल भी प्रभावित होता है और कलह बढ़ने लगती है।


अगले जन्म पर प्रभाव

कुछ मान्यताओं के अनुसार, भोजन का अपमान करने से व्यक्ति को अगले जन्म में भोजन की कमी या गरीबी का सामना करना पड़ सकता है। यह हमें सिखाता है कि हमें जो भी भोजन मिले, उसे हमेशा आभार के साथ स्वीकार करना चाहिए और उसे बर्बाद नहीं करना चाहिए।


सामाजिक दृष्टिकोण से भी गलत

यदि हम धार्मिक मामलों को एक तरफ रख दें, तो भोजन का अपव्यय सामाजिक दृष्टिकोण से भी गलत है। आज भी लाखों लोग हैं जिन्हें पर्याप्त भोजन नहीं मिलता। ऐसे में भोजन का अपव्यय उनके प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है। इसलिए, समाज में वही व्यक्ति जागरूक माना जाता है जो भोजन का सम्मान करता है और दूसरों को इसके बारे में सिखाता है।


यदि प्लेट में खाना बच जाए तो क्या करें?

कई बार, अनजाने में प्लेट में थोड़ा खाना बच जाता है। ऐसी स्थिति में, इसे फेंकने के बजाय गाय, कुत्ते, बिल्ली या पक्षियों को खिलाना चाहिए। इससे न केवल भोजन का अपमान नहीं होता, बल्कि पुण्य भी मिलता है।


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