प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता

पर्यावरण संवाद सप्ताह का आयोजन
जिम्मी और जनक मगिलिगन फाउंडेशन द्वारा आयोजित पर्यावरण संवाद सप्ताह का मुख्य विषय प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास था। यह थीम UNEP द्वारा वर्ष 2025 के लिए घोषित की गई।
स्वस्थ जीवनशैली पर चर्चा
इस एक सप्ताह के जन-जागरूकता संवाद का छठा दिन वैद्य शेफाली के आयुर्वेद चिकित्सालय कैवल्य वेलनेस हब, सिल्वर स्प्रिंग में मनाया गया, जिसका विषय था 'स्वस्थ जीवन शैली से प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करें'।
डा. जनक पलटा का संदेश
कार्यक्रम की शुरुआत डा. (श्रीमती) जनक पलटा मगिलिगन ने प्रार्थना से की। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने बरली आदिवासी लड़कियों को शिक्षित किया और झाबुआ जिले में नारू की बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य किया। 1992 में रियो-डी-जनेरो में पहली बार जाने पर उन्हें धरती के पर्यावरण की स्थिति का ज्ञान हुआ।
प्लास्टिक के खतरों पर चर्चा
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उन्होंने बताया कि मृत्यु के बाद एक गाय के पेट में 60 किलो प्लास्टिक पाया गया। इस तरह की घटनाएँ हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि हम मानव निर्मित प्लास्टिक से कैसे मुक्त हो सकते हैं।
प्लास्टिक के उपयोग में कमी
जयश्री सिक्का ने बताया कि प्लास्टिक का उपयोग खिलौनों, खाद्य पदार्थों और कपड़ों में हो रहा है। भारत में विश्व के कुल प्लास्टिक उत्पादन का 18% होता है। जब हम सामान खरीदते हैं, तो अक्सर प्लास्टिक पैकेजिंग में ही आते हैं।
सस्टेनेबल जीवनशैली के सुझाव
वैद्य शेफाली ने कहा कि सस्टेनेबल जीवनशैली की शुरुआत हमारे सोने और जागने के समय से होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि हम पानी के लिए प्लास्टिक की जगह स्टील या कांच की बोतल का उपयोग करें।
पुस्तक का विमोचन
कार्यक्रम के अंत में वैद्य शेफाली द्वारा लिखित पुस्तक 'आयुर्वेद और जीवन की लय' का विमोचन किया गया।
संकल्प का समय
अंत में, 30 प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे प्लास्टिक का उपयोग कम करेंगे, जैसे कि बंद प्लास्टिक बोतल से पानी नहीं पियेंगे और अपनी रसोई को प्लास्टिक मुक्त करेंगे।