प्रोस्टेट कैंसर: 40 के बाद पुरुषों के लिए चेतावनी संकेत

प्रोस्टेट कैंसर का बढ़ता खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, प्रोस्टेट कैंसर एक ऐसा कैंसर है जो विश्वभर में सबसे अधिक पाया जाता है। इसके मामलों में वृद्धि के कारण इसे चौथे स्थान पर रखा गया है। आमतौर पर, यह कैंसर 60 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में अधिक होता है, लेकिन अब युवा पुरुष भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों के प्रजनन तंत्र के प्रोस्टेट ग्रंथि में विकसित होता है, जो पेनिस और ब्लैडर के बीच स्थित होता है। टाटा मेमोरियल सेंटर के अनुसंधान आंकड़ों के अनुसार, 2020 में विश्वभर में प्रोस्टेट कैंसर के लगभग 1.4 मिलियन नए मामले और 370,000 मौतें हुईं। भारत में, इसी अवधि में 34,540 मामले और 16,783 मौतें दर्ज की गईं।
कम उम्र में प्रोस्टेट कैंसर के कारण
कम उम्र में प्रोस्टेट कैंसर तेजी से फैलता है। इसके प्रमुख कारणों में अस्वस्थ जीवनशैली, धूम्रपान, शराब का सेवन और आनुवंशिक समस्याएं शामिल हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ 40 वर्ष की आयु के बाद पुरुषों को साल में एक बार PSA परीक्षण कराने की सलाह देते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
पीठ और हाथ-पैर में दर्द: यदि आपकी पीठ या हड्डियों में लगातार दर्द हो रहा है, तो यह प्रोस्टेट कैंसर का संकेत हो सकता है। 40 वर्ष की आयु में पहुंचने पर इस लक्षण के आधार पर परीक्षण कराना फायदेमंद हो सकता है।
अचानक वजन घटना: बिना किसी प्रयास के वजन में कमी होना शरीर में किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, जिसमें प्रोस्टेट कैंसर भी शामिल है। इस कैंसर से प्रभावित व्यक्ति आमतौर पर कमजोरी और घबराहट का अनुभव करते हैं।
रीढ़ की हड्डियों में दबाव: प्रोस्टेट कैंसर होने पर हड्डियों में अतिरिक्त दबाव बनता है, जो रीढ़ की हड्डियों पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है, जिससे मूवमेंट में कठिनाई होती है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन: यह प्रोस्टेट कैंसर का एक चेतावनी संकेत हो सकता है, क्योंकि यह ग्रंथि उस स्थान पर होती है जहां सीमेन का उत्पादन होता है। हालांकि, अब तक प्रोस्टेट कैंसर के कारण यौन समस्याओं की कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं आई है।
पेशाब या सीमेन में खून आना: पुरुषों में मूत्र या वीर्य में खून आना प्रोस्टेट कैंसर का संकेत हो सकता है। जब ट्यूमर बड़ा होता है, तो यह प्रजनन प्रणाली में दबाव डालता है।