प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा का निधन: भारतीय राजनीति में एक युग का अंत

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा का निधन मंगलवार को दिल्ली के एम्स में हुआ। 94 वर्ष की आयु में उनका निधन राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर लेकर आया है। मल्होत्रा ने जनसंघ के माध्यम से राजनीति में कदम रखा और कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए जाने जाते हैं, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को हराना शामिल है। उनके जीवन और कार्यों पर एक नजर डालते हैं।
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प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा का निधन: भारतीय राजनीति में एक युग का अंत

प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा का निधन

प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा का निधन: भारतीय राजनीति में एक युग का अंत

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता और दिल्ली भाजपा के पहले अध्यक्ष प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा का मंगलवार को निधन हो गया। उनका इलाज दिल्ली के एम्स में चल रहा था, जहां उन्होंने सुबह लगभग 6 बजे 94 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली।

उनके निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। दिल्ली भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। मल्होत्रा ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर जनसंघ के माध्यम से राजनीति में कदम रखा। उन्होंने दिल्ली में संघ की विचारधारा को फैलाने के लिए जनसंघ के समय से ही महत्वपूर्ण कार्य किए।

प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा का निधन: भारतीय राजनीति में एक युग का अंत

लाहौर में जन्म और दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष बनने की यात्रा
मल्होत्रा का जन्म 3 दिसंबर 1931 को लाहौर में हुआ था। वे कविराज खजान चंद के सात संतानों में चौथे थे। उन्हें एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ और खेल प्रशासक के रूप में जाना जाता है। मल्होत्रा ने दिल्ली प्रदेश जनसंघ के अध्यक्ष (1972-75) और दो बार दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष (1977-80, 1980-84) के रूप में कार्य किया।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को हराने का गौरव
मल्होत्रा का राजनीतिक सफर काफी लंबा रहा। उन्हें केदारनाथ साहनी और मदनलाल खुराना के साथ मिलकर दिल्ली में भाजपा को बनाए रखने का श्रेय दिया जाता है। उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक उपलब्धि 1999 के लोकसभा चुनाव में दक्षिण दिल्ली सीट से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारी अंतर से हराना था।

दिल्ली से 5 बार सांसद रहे
मल्होत्रा ने पिछले 45 वर्षों में दिल्ली से 5 बार सांसद और 2 बार विधायक के रूप में कार्य किया। 2004 के आम चुनाव में, वे दिल्ली में अपनी सीट जीतने वाले एकमात्र भाजपा उम्मीदवार थे। अपने पूरे करियर में, मल्होत्रा एक बेदाग और स्वच्छ छवि वाले नेता रहे। उन्होंने हिंदी साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और राजनीति के साथ-साथ दिल्ली में शतरंज और तीरंदाजी क्लबों के प्रशासन में भी सक्रिय रहे।