प्रेमानंद महाराज: 11 साल की उम्र में आध्यात्मिक जीवन की ओर पहला कदम

प्रेमानंद महाराज की लोकप्रियता

प्रेमानंद महाराज, एक प्रसिद्ध कथावाचक, सोशल मीडिया पर अपने प्रेरणादायक वीडियो के लिए जाने जाते हैं। उनके संदेशों में आध्यात्मिकता और सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा होती है। हाल ही में, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहनराव भागवत और क्रिकेटर विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा और बेटी वामिका के साथ उनके आश्रम में पहुंचे।
प्रेमानंद जी का प्रारंभिक जीवन
प्रेमानंद महाराज का असली नाम प्रेमानंद गोविंद शरण है और उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। वह एक ब्राह्मण परिवार से हैं और उनके दादा और पिता भी आध्यात्मिक जीवन की ओर अग्रसर रहे हैं। उन्होंने बहुत कम उम्र में आध्यात्मिकता की ओर रुख किया और गीता पढ़ना शुरू किया।
घर छोड़ने का निर्णय

प्रेमानंद जी ने 13 साल की उम्र में आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ने का निर्णय लिया। उन्होंने अपनी मां को इस बारे में बताया और तड़के तीन बजे घर छोड़ दिया। उनके पास गीता, कुशा का आसन, एक पीतल का लोटा और एक चादर थी। इस समय से वह आनंद स्वरूप ब्रह्मचारी के नाम से जाने जाने लगे।
साधना और तप

प्रेमानंद जी ने संन्यास लेने के बाद स्वामी आनंदाश्रम नाम अपनाया। उन्होंने गंगा नदी के किनारे साधना की, जहां वह मौसम की परवाह किए बिना ध्यान में लीन रहते थे। वह कई दिनों तक उपवास भी करते थे और भगवान शिव की कृपा से ध्यान में मग्न रहते थे।
स्वास्थ्य संबंधी जानकारी

हाल ही में यह जानकारी सामने आई है कि प्रेमानंद जी की दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं और उन्हें नियमित डायलिसिस की आवश्यकता है। उनकी उम्र लगभग 60 वर्ष है, और उन्होंने काशी और वृंदावन में काफी समय बिताया है।