प्रियंका गांधी ने वायनाड में मानव-वन्यजीव संघर्ष पर चर्चा की

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने वायनाड में मानव-वन्यजीव संघर्ष को एक जटिल समस्या बताया है। उन्होंने इस मुद्दे के समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रियंका ने हाल ही में मुथांगा वन्यजीव अभयारण्य का दौरा किया और वहां के वन अधिकारियों के साथ बातचीत की। उनका मानना है कि इस संघर्ष को समझने और प्रबंधित करने के लिए विशेषज्ञता की आवश्यकता है। जानें इस मुद्दे पर उनके विचार और समाधान के लिए उठाए गए कदम।
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प्रियंका गांधी ने वायनाड में मानव-वन्यजीव संघर्ष पर चर्चा की

मानव-वन्यजीव संघर्ष की जटिलता

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने मंगलवार को वायनाड में मानव-वन्यजीव संघर्ष को एक ‘‘जटिल समस्या’’ के रूप में वर्णित किया, जिसके समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।


उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड के मुथांगा वन्यजीव अभयारण्य की हालिया यात्रा का उल्लेख किया।


प्रियंका ने बताया कि उनकी मुलाकात पशु चिकित्सक डॉ. अरुण जकारिया से हुई, जिनका वन्यजीवों और संबंधित मुद्दों पर गहरा ज्ञान है। उन्होंने कहा कि डॉ. जकारिया और वन अधिकारियों का अनुभव इस क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष को समझने और प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण है। इस प्रयास में कुमकी हाथियों को प्रशिक्षित करना और उनका उपयोग करना शामिल है, जो मानव बस्तियों में घुसने वाले जंगली हाथियों को भगा सकते हैं।


उन्होंने वन अधिकारियों के साथ अपनी बातचीत का एक वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘‘वायनाड में मानव-पशु संघर्ष एक जटिल समस्या है, जिसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा और व्यावहारिक समाधान खोजने होंगे।’’ प्रियंका 11 से 22 सितंबर तक अपने निर्वाचन क्षेत्र में रहीं।