प्रशांत किशोर ने वैशाली में जन सुराज यात्रा के दौरान शिक्षा और रोजगार पर जोर दिया

प्रशांत किशोर ने वैशाली में जन सुराज उद्घोष यात्रा के दौरान हजारों लोगों को संबोधित किया। उन्होंने बिहार की शिक्षा प्रणाली और रोजगार के मुद्दों पर चिंता व्यक्त की। किशोर ने कहा कि इस बार जनता को आरजेडी और बीजेपी में से किसी एक को चुनने की जरूरत नहीं है, बल्कि जन सुराज का विकल्प है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए वोट करें। जानें उनके विचार और बिहार की राजनीति पर उनका दृष्टिकोण।
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प्रशांत किशोर का वैशाली दौरा

प्रशांत किशोर ने वैशाली में जन सुराज यात्रा के दौरान शिक्षा और रोजगार पर जोर दिया

प्रशांत किशोर

जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने आज वैशाली में जन सुराज उद्घोष यात्रा के तहत एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया। महुआ प्रखंड के गांधी मैदान में हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वैशाली लोकतंत्र की जननी है और यह पाटलिपुत्र की भूमि है, जहां से पूरे देश का शासन चलता था। उन्होंने यह भी बताया कि नालंदा और विक्रमशिला जैसे स्थानों पर ज्ञान की प्राप्ति के लिए लोग आते थे, लेकिन आज यहां के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल रही है।

किशोर ने कहा कि इस बार बिहार की जनता को आरजेडी और बीजेपी (सांपनाथ और नागनाथ) में से किसी एक को चुनने की आवश्यकता नहीं है। अब उनके पास जन सुराज का एक बेहतर विकल्प है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस बार चुनाव में नेता के चेहरे को देखकर वोट न दें, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए वोट करें। इस बार जाति, धर्म या अनाज के लिए नहीं, बल्कि शिक्षा और रोजगार के लिए मतदान करें। प्रशांत किशोर का हर जगह भव्य स्वागत किया गया।

समाज की लड़ाई आरक्षण से आगे बढ़े

एक कार्यक्रम में किशोर ने कहा कि पिछले 40 वर्षों से समाज केवल आरक्षण के मुद्दे पर लड़ रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार के लोगों के जीवन में सुधार का एकमात्र उपाय शिक्षा में निवेश करना है और लोगों को स्वरोजगार के लिए पूंजी उपलब्ध कराना है। अगर हमें विकास चाहिए और समाज में समानता लानी है, तो शिक्षा पर निवेश करना आवश्यक है। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इस तरह से पढ़ाया जाना चाहिए कि वे व्यवस्था पर बोझ न बनें।

झूठे वादों से दूर रहना चाहिए

उन्होंने कहा कि हाल ही में महिलाओं को 2500 रुपए प्रति माह देने का वादा किया जा रहा है, लेकिन यह बताना चाहिए कि यह पैसा आएगा कहां से। हम झूठे वादे नहीं कर सकते। जो लोग इस तरह के वादे कर रहे हैं, वे पहले दिन से ही झूठ बोल रहे हैं। बिहार सरकार का बजट इतना नहीं है कि सभी महिलाओं को हर महीने 2500 रुपए दे सके।