प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव में बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप

बिहार विधानसभा चुनाव में नामांकन प्रक्रिया का समापन

प्रशांत किशोर
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया अब समाप्त हो चुकी है। दूसरे चरण के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर है। इसी बीच, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा को जन सुराज से सबसे अधिक भय है।
प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि उनके उम्मीदवारों को डराने-धमकाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दानापुर में जन सुराज के उम्मीदवार अखिलेश शाह को चुनाव चिह्न दिया गया, लेकिन वह निर्वाचन कार्यालय नहीं पहुंचे और बाद में भाजपा के बड़े नेताओं के साथ नजर आए। इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की जाएगी।
उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने के लिए दबाव
किशोर ने यह भी कहा कि ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र से जन सुराज के उम्मीदवार जयप्रकाश तिवारी ने नामांकन किया था, लेकिन अंतिम दिन उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया। यह भी भाजपा के नेताओं के साथ दिखे। गोपालगंज के जन सुराज के उम्मीदवार शशि शेखर सिन्हा ने भी नामांकन किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ नेता जन सुराज के उम्मीदवारों से मिले और उन्हें नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा ने पिछले कुछ वर्षों में सरकार बनाने की छवि बना ली है, चाहे चुनाव कोई भी जीते। अब, वे बिहार में एक नया अभियान चला रहे हैं, जिसमें महागठबंधन का डर दिखाकर जनता को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं।
14 नवंबर को परिणामों का खुलासा
किशोर ने कहा कि 14 नवंबर को चुनाव परिणाम आएंगे, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एनडीए जो माहौल बना रहा है, उससे जन सुराज और उनके साथी डरने वाले नहीं हैं। चाहे कितने भी उम्मीदवारों को खरीदने या धमकाने का प्रयास किया जाए, चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ा जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए महागठबंधन के उम्मीदवारों से नहीं डरता, क्योंकि उन्हें पता है कि जन सुराज के अच्छे उम्मीदवारों के सामने उनकी कोई नहीं चलने वाली। हालांकि, उनके उम्मीदवार राजनीतिक नहीं हैं, लेकिन उनके परिवारों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे नामांकन वापस ले लें।