प्रयागराज में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र: राहत कार्य जारी

प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति
प्रयागराज जिले में हाल के दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना का जलस्तर शनिवार से खतरे के निशान 84.73 मीटर से ऊपर बना हुआ है। इससे जिले के 200 से अधिक गांवों और लगभग 60 बस्तियों में जलभराव हो गया है।
जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार सुबह आठ बजे यमुना नदी का जलस्तर नैनी में 86.04 मीटर और गंगा नदी का जलस्तर फाफामऊ में 86.03 मीटर दर्ज किया गया।
बाढ़ से प्रभावित नागरिकों के लिए राहत शिविरों के रूप में विद्यालयों को स्थापित किया गया है, और नगर क्षेत्र में बाढ़ ग्रस्त विद्यालयों में पढ़ाई को स्थगित कर दिया गया है।
सदर तहसील के अंतर्गत 107 वार्ड और मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें प्रमुख रूप से राजापुर, बेली कछार, चांदपुर सलोरी, गोविंदपुर, छोटा बघाड़ा और बड़ा बघाड़ा शामिल हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में, फूलपुर तहसील के 18, सोरांव के आठ, मेजा के 12, बारा तहसील के आठ और हंडिया तहसील के छह गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
रविवार शाम को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता (नंदी) ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए 88 चौकियां और 18 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां लगभग 6800 लोग रह रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें मौके पर तैनात हैं, और अतिरिक्त टीमें भी उपलब्ध कराई गई हैं।