प्रयागराज में प्रेमिका की हत्या: सेना के जवान ने किया खौफनाक अपराध
प्रयागराज में एक दिल दहला देने वाली घटना
प्रयागराज: एक जवान ने अपनी 17 वर्षीय प्रेमिका की बेरहमी से हत्या कर दी और शव को दफना दिया। इसके बाद वह अपनी शादी की तैयारियों में व्यस्त रहा। हालांकि, प्रेमिका की किताब में मिले एक मोबाइल नंबर ने पुलिस को हत्यारे तक पहुंचा दिया। प्रयागराज पुलिस ने इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
15 नवंबर को गंगानगर के थरवई थाना क्षेत्र में एक निर्जन स्थान पर एक लड़की का शव मिला, जिसे मिट्टी में दफनाया गया था। स्थानीय निवासियों ने देखा कि कुत्ते एक मिट्टी के टीले को खोद रहे हैं। जब उन्होंने एक हाथ देखा, तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को निकाला और उसकी पहचान शुरू की। शव के गले में दुपट्टा लिपटा हुआ था और गले तथा पीठ पर धारदार हथियार के घाव थे। इस घटना ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया।
पुलिस ने घटनास्थल से एक स्कूल बैग और स्पोर्ट्स शूज भी बरामद किए। बैग में एक किताब में एक मोबाइल नंबर लिखा था। जांच में पता चला कि यह शव एक स्कूली छात्रा का है, जिसकी किडनैपिंग का मामला 10 नवंबर को कैंट थाना में दर्ज हुआ था। मृतका 12वीं कक्षा की छात्रा थी और वह कैंट क्षेत्र में अपने मामा के पास रहकर पढ़ाई कर रही थी। वह किसी फौजी से शादी करना चाहती थी।
डीसीपी गंगानगर ने बताया कि मृतका का संपर्क सेवा के नायक हर्षवर्धन सिंह उर्फ दिलीप सिंह से इंस्टाग्राम के माध्यम से हुआ था। यह प्रेम संबंध बाद में गहरा हो गया। 26 वर्षीय आरोपी हर्षवर्धन सिंह कुसुंगुर थाना थरवई का निवासी है।
मृतका हर्षवर्धन से शादी करना चाहती थी, लेकिन उसे पता चला कि उसकी शादी पहले से तय है। जब उसने यह जानकारी प्राप्त की, तो वह हर्षवर्धन से सगाई तोड़ने का दबाव बनाने लगी।
हर्षवर्धन की शादी 30 नवंबर को तय थी। उसने मृतका को मिलने के बहाने बुलाया, जहां दोनों के बीच बहस हुई। हर्षवर्धन ने चाकू से कई वार किए, जिससे उसकी मौत हो गई। आरोपी ने घटनास्थल के पास स्थित एक मंदिर से फावड़ा लाकर शव को मिट्टी में दबा दिया। पुलिस ने आरोपी को 17 नवंबर को गिरफ्तार किया। उसके पास से एक चाकू और दफनाने में इस्तेमाल किया गया फावड़ा बरामद किया गया।
हर्षवर्धन ने नाबालिग छात्रा को शादी का भरोसा दिलाया और वह खुशी-खुशी सिंदूर की डिबिया खरीदकर उसके साथ गई। लेकिन, बाद में उसने उसे मार डाला और शव को गड्ढे में दबा दिया। बैग को दूर फेंक दिया गया, जिसमें सिंदूर की डिब्बी रह गई।
