प्रयागराज महाकुंभ में छात्रों ने दिखाई मानवता की मिसाल

महाकुंभ में सेवा कार्य का अद्भुत उदाहरण
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान, भगदड़ और अफरा-तफरी के बीच, गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के छात्रों ने मानवता की सेवा का एक अद्भुत उदाहरण पेश किया। मेले में भारी भीड़, थकान, भूख और बिछड़ने की समस्याओं का सामना कर रहे तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए, संस्थान के निदेशक प्रोफेसर बद्री नारायण के मार्गदर्शन में छात्रों ने सक्रियता से काम किया।
छात्रों की मददगार भूमिका
29 जनवरी 2025 की सुबह से, संस्थान के छात्र-छात्राएं "हम आपकी क्या सहायता कर सकते हैं?" का बोर्ड लेकर संस्थान के गेट पर खड़े थे। उन्होंने मेले में आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों को रास्ता बताने, उनके गंतव्यों तक पहुंचने में मदद करने और बिछड़े हुए लोगों को उनके परिवार से मिलाने का कार्य किया। कई यात्रियों के फोन नेटवर्क से बाहर होने पर, छात्रों ने उनके रिश्तेदारों और गांव के जिम्मेदार लोगों से संपर्क कर सूचना दी। थकान से परेशान यात्रियों को दिलासा देकर, उन्होंने उन्हें आराम करने का सुझाव दिया।
खाद्य और जल सेवा का प्रबंध
छात्रों ने तीर्थयात्रियों के लिए खाद्य सामग्री और पीने के पानी की व्यवस्था की। संस्थान के गेट पर दो अलाव जलाए गए ताकि रात में ठंड से बचा जा सके। वृद्धों और महिलाओं को शौचालय तक पहुंचाने में संस्थान के गार्ड्स ने मदद की।
फैकल्टी और कुम्भ परियोजना टीम का सहयोग
इस सेवा कार्य में संस्थान की फैकल्टी सदस्य डॉ. अर्चना सिंह छात्रों के साथ लगातार उपस्थित रहीं। इसके अलावा, कुम्भ परियोजना से जुड़े डॉ. रमाशंकर सिंह ने भी छात्रों का सहयोग किया।
सैकड़ों को मिला सहारा
30 जनवरी की सुबह तक, कई बिछड़े हुए तीर्थयात्रियों को उनके परिजनों से मिलाने का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। छात्रों ने यात्रियों को स्नान घाट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और पैदल मार्गों की जानकारी देकर उनकी परेशानी कम की।
सेवा दल में शामिल छात्र
इस सेवा कार्य में गोविंद निषाद, नरेन्द्र शर्मा, कविता पॉल, धर्मेंद्र कुमार पाल, नंद किशोर प्रजापति, सतीश खरवार, प्रदीप रावत, महेंद्र यादव, अनुराग पांडेय, दीपक यादव, प्रगति पांडेय, प्रियंका भारती, अनुराधा, सुमित और आकाश जैसे समर्पित छात्र सक्रिय रूप से शामिल रहे। गोविंद बल्लभ पंत संस्थान के इन छात्रों ने न केवल तीर्थयात्रियों की मदद की, बल्कि विपरीत परिस्थितियों में सेवा भावना का अनूठा उदाहरण भी पेश किया। यह प्रयास सभी के लिए प्रेरणादायक है।