प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की सराहना की

प्रधानमंत्री का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की प्रशंसा की और पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए सशस्त्र बलों की भूमिका को सराहा। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के प्रति भारत की नाराजगी का प्रतीक है, जिसमें 'पत्नी के सामने पति और बच्चों के सामने पिता की हत्या की गई।'
सशस्त्र बलों की बहादुरी
मोदी ने कहा, 'मैं गर्व महसूस करता हूं कि लाल किले की प्राचीर से मुझे ऑपरेशन सिंदूर के नायकों को सलाम करने का अवसर मिला। हमारे बहादुर जवानों ने दुश्मन को उसकी कल्पना से परे सजा दी।' उन्होंने आगे कहा कि 22 अप्रैल को सीमा पार से आतंकवादियों ने पहलगाम में लोगों की हत्या की, जिससे पूरे भारत में आक्रोश फैल गया। ऑपरेशन सिंदूर इसी आक्रोश का प्रतीक है।
सशस्त्र बलों को स्वतंत्रता
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद सरकार ने सशस्त्र बलों को जवाबी कार्रवाई के लिए स्वतंत्रता दी। '22 तारीख के बाद, हमने अपने सशस्त्र बलों को स्वतंत्रता दी। वे रणनीति, लक्ष्य और समय का निर्णय लेते हैं। हमारे बलों ने ऐसा किया जो कई दशकों से नहीं हुआ था। हम दुश्मन की धरती में सैकड़ों किलोमीटर अंदर गए और उनके आतंकवादी मुख्यालय को नष्ट कर दिया,' मोदी ने कहा।
आतंकवादियों के खिलाफ सख्त चेतावनी
उन्होंने चेतावनी दी कि भारत आतंकवादियों और उनके समर्थकों के बीच कोई भेदभाव नहीं करेगा। 'यदि दुश्मन फिर से कोई गलत कदम उठाता है, तो भारतीय सशस्त्र बल उन्हें उचित जवाब देंगे। हम अब एक नया सामान्य स्थापित कर चुके हैं। आतंकवादी और उन्हें आश्रय देने वाले एक समान खतरा हैं,' उन्होंने कहा।
इंडस जल संधि पर टिप्पणी
मोदी ने कहा कि इंडस जल संधि भारत के लोगों के लिए अन्याय है और यह 'एकतरफा' है। उन्होंने कहा, 'भारत और इसके किसानों का अपने हिस्से के जल पर अधिकार है। अब, भारत के जल का अधिकार केवल भारत और इसके किसानों का है।' उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के दर्द को भारत कई दशकों से सहन कर रहा है।