प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र सीमा बल के स्थापना दिवस पर दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र सीमा बल के स्थापना दिवस पर बल के सभी कर्मियों को बधाई दी। उन्होंने बल के समर्पण और कर्तव्यबोध की सराहना की, जो देश की सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ है। एसएसबी की भूमिका सीमा सुरक्षा, तस्करी विरोधी अभियानों और आपात स्थितियों में सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण है। जानें इस बल के इतिहास और उनके योगदान के बारे में।
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प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र सीमा बल के स्थापना दिवस पर दी बधाई

प्रधानमंत्री का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के स्थापना दिवस पर सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। अपने संदेश में, उन्होंने बल के समर्पण को सेवा की उच्चतम परंपराओं का प्रतीक बताया और इसे हमारे देश की सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ माना। पीएम मोदी ने कहा कि एसएसबी के कर्मी "कठिन भूभागों और चुनौतीपूर्ण परिचालन स्थितियों" में हमेशा चौकस रहते हैं।


भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री ने बल के सदस्यों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सीमा बल के स्थापना दिवस पर, मैं इस बल से जुड़े सभी कर्मियों को बधाई देता हूं। एसएसबी का अटूट समर्पण सेवा की सर्वोच्च परंपराओं को दर्शाता है। उनका कर्तव्यबोध हमारे राष्ट्र की सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ बना हुआ है। चुनौतीपूर्ण भूभागों से लेकर कठिन परिचालन परिस्थितियों तक, एसएसबी हमेशा सतर्क रहती है। उनके आगे के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं। 


एसएसबी का इतिहास और भूमिका

1962 के भारत-चीन संघर्ष के बाद 1963 में स्थापित एसएसबी, गृह मंत्रालय के अधीन भारत के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक है। इसका मुख्य कार्य नेपाल और भूटान के साथ 2450 किलोमीटर लंबी भारतीय सीमा की सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों का पालन, तस्करी विरोधी अभियान चलाना और आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करना है। दशकों से, एसएसबी ने सीमा सुरक्षा बनाए रखने, सीमावर्ती आबादी में सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देने और आपात स्थितियों में नागरिक प्रशासन का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वार्षिक स्थापना दिवस समारोह बल के कर्मियों के समर्पण और बलिदान को सम्मानित करता है और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।


एसएसबी की सक्रिय भूमिका

एसएसबी ने सीमा पर मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी, हथियारों की तस्करी और राष्ट्र-विरोधी तत्वों की घुसपैठ को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और स्थानीय पुलिस के समन्वय से पूरे पूर्वी क्षेत्र को नक्सल मुक्त बनाने में भी सक्रिय योगदान देता है।