प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्य सचिवों के सम्मेलन में गुड गवर्नेंस का मंत्र साझा किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में मुख्य सचिवों के सम्मेलन में 'गुड गवर्नेंस' के लिए 'रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' का मंत्र साझा किया। उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर बनाने और जन भागीदारी को बढ़ाने पर जोर दिया। सम्मेलन में कौशल विकास, उच्च शिक्षा और युवा सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। पीएम मोदी ने भारत को वैश्विक सेवा महाशक्ति बनाने का लक्ष्य रखा और खाद्य सुरक्षा के लिए उच्च मूल्य वाली कृषि की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता बताई।
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प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्य सचिवों के सम्मेलन में गुड गवर्नेंस का मंत्र साझा किया

प्रधानमंत्री मोदी का सम्मेलन में संबोधन

प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्य सचिवों के सम्मेलन में गुड गवर्नेंस का मंत्र साझा किया

प्रधानमंत्री मोदी

दिल्ली में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य सचिवों के सम्मेलन को संबोधित किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को बढ़ाना और 'विकसित भारत' के लिए एक साझा योजना बनाना था। इस वर्ष का विषय 'मानव पूंजी के लिए विकसित भारत' था। पीएम मोदी ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब भारत अगली पीढ़ी के सुधारों की ओर बढ़ रहा है। भारत अब रिफॉर्म एक्सप्रेस पर सवार है, जिसका मुख्य इंजन हमारे युवा हैं। इसलिए, इस जनसंख्या को सशक्त बनाना आवश्यक है।

उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर बनाने, गरीबों को सशक्त करने और विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने 'रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' के मंत्र को दोहराते हुए नौकरशाही प्रक्रियाओं को सरल बनाने और जन भागीदारी को बढ़ाने की आवश्यकता बताई।

भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने का दृष्टिकोण

पीएम मोदी ने कहा कि हमें भारत की जनसंख्या को केवल आंकड़ों के रूप में नहीं, बल्कि एक सशक्त 'मानव पूंजी' के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने राज्यों से मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा देने, 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को सुधारने और सेवा क्षेत्र को सशक्त करने की अपील की। उनका लक्ष्य भारत को एक वैश्विक सेवा महाशक्ति बनाना है।

सम्मेलन में चर्चा के प्रमुख विषय

सम्मेलन के दौरान कौशल विकास, उच्च शिक्षा, युवा सशक्तिकरण और खेल जैसे क्षेत्रों पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने 'मेड इन इंडिया' को गुणवत्ता का प्रतीक बनाने और 'जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट' की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में खाद्य भंडार बनने की क्षमता है और हमें उच्च मूल्य वाली कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन की ओर बढ़ना चाहिए। इस तरह, भारत एक प्रमुख खाद्य निर्यातक बन सकता है।