प्रधानमंत्री मोदी ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत को भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी। शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति रही। न्यायमूर्ति सूर्यकांत का कार्यकाल महत्वपूर्ण निर्णयों से भरा रहा है, जिसमें अनुच्छेद 370 और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मुद्दे शामिल हैं। जानें उनके करियर और इस समारोह की खास बातें।
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प्रधानमंत्री मोदी ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत को भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में बधाई दी

न्यायमूर्ति सूर्यकांत का पदभार ग्रहण

सोमवार को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का अवसर मिला। उन्होंने उनके आगामी कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं भी दीं।


न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने राष्ट्रपति भवन में शपथ ली, जिससे भारतीय न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में उनके लगभग 15 महीने के कार्यकाल की शुरुआत हुई।


शपथ ग्रहण समारोह की विशेषताएँ

इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, और कई अन्य वरिष्ठ मंत्रियों और न्यायाधीशों की उपस्थिति रही। उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, और पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी इस अवसर पर मौजूद थे।


शपथ लेने के बाद, न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने अपने परिवार के सदस्यों के पैर छुए, जो इस महत्वपूर्ण अवसर का एक भावुक क्षण था। समारोह में भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका के न्यायपालिका के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।


न्यायमूर्ति सूर्यकांत का करियर

न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति भूषण आर. गवई का स्थान लेंगे। उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत की गई है। सर्वोच्च न्यायालय में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं, जिनमें अनुच्छेद 370 और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मुद्दे शामिल हैं।


हरियाणा के हिसार में 10 फरवरी, 1962 को जन्मे न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया है।