प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर में ऐतिहासिक रेल लिंक का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक का उद्घाटन किया, जिससे कश्मीर अब भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ गया है। यह परियोजना 1884 में महाराजा प्रताप सिंह द्वारा प्रस्तावित की गई थी और अब, 141 साल बाद, यह सपना साकार हुआ है। मोदी ने चेनाब और अंजी पुलों का उद्घाटन किया, जिससे कश्मीर का सौ साल पुराना सपना पूरा हुआ। इस लेख में इस ऐतिहासिक परियोजना के विभिन्न चरणों और मोदी सरकार के योगदान पर चर्चा की गई है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर में ऐतिहासिक रेल लिंक का उद्घाटन किया

उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू और कश्मीर में उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के एक महत्वपूर्ण खंड का उद्घाटन किया है। इस उद्घाटन के साथ, कश्मीर अब पूरे भारत से सभी मौसमों में चलने वाली भारतीय रेलवे लाइन से जुड़ गया है। यह विचार 1884 में जम्मू-कश्मीर के महाराजा प्रताप सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिन्होंने अपने प्रधानमंत्री दीवान अनंत राम के माध्यम से ब्रिटिश भारत सरकार को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने अपने राज्य को उपमहाद्वीप के रेल नेटवर्क से जोड़ने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, विभाजन के कारण उनका सपना अधूरा रह गया। लेकिन आज, 141 साल बाद, महाराजा द्वारा प्रस्तावित तीसरे रेल मार्ग का सपना साकार हो गया है।


चेनाब और अंजी पुलों का उद्घाटन

प्रधानमंत्री मोदी ने चेनाब और अंजी पुलों का उद्घाटन किया, जिससे लंबे समय से अलग-थलग पड़ी कश्मीर रेल लाइन अब भारत के राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क में शामिल हो गई है। यह महाराजा का सौ साल पुराना सपना पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। महाराजा प्रताप सिंह के परपोते विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "यह परियोजना महाराजा प्रताप सिंह के शासनकाल में ही शुरू की गई थी। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए गर्व की बात है कि हमारे प्रधानमंत्री इस सपने को साकार कर रहे हैं।"


यूएसबीआरएल परियोजना का विकास

उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना की शुरुआत 1997 में हुई थी और यह 272 किलोमीटर लंबी परियोजना लगभग 28 वर्षों में पूरी हुई। जम्मू और उधमपुर के बीच इसका पहला 55 किलोमीटर लंबा खंड अप्रैल 2005 में पूरा हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का उद्घाटन किया, जिसकी लागत 1,486 करोड़ रुपये है।


परियोजना के विभिन्न चरण

उत्तर रेलवे के अनुसार, पूरी परियोजना कई चरणों में पूरी हुई। जम्मू-उधमपुर खंड के खुलने के बाद, तत्कालीन सरकार ने कश्मीर के खंडों पर ध्यान केंद्रित किया और अक्टूबर 2008 में 68 किलोमीटर लंबे अनंतनाग-मझोम रेल लिंक को चालू किया। इसके बाद, फरवरी 2009 में 32 किलोमीटर लंबे मझोम-बारामूला रेल लिंक का संचालन शुरू हुआ। इससे स्थानीय लोगों को बारामूला से अनंतनाग तक ट्रेन यात्रा का लाभ मिला।


रेलवे सेवाओं का विस्तार

अधिकारी ने बताया कि अन्य खंडों पर काम जारी था, जिससे रेलवे अक्टूबर 2009 के अंत तक अनंतनाग से जम्मू की ओर काजीगुंड तक ट्रेन सेवा का विस्तार करने में सफल रहा। रेलवे ने जून 2013 में काजीगुंड से बनिहाल तक ट्रेन सेवाओं का विस्तार किया, जिसमें 11.215 किलोमीटर लंबी पीर पंजाल सुरंग का निर्माण शामिल था। जुलाई 2014 में जम्मू की ओर से उधमपुर-कटरा लाइन चालू की गई।


मोदी सरकार का योगदान

जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तब कश्मीर की तरफ बारामूला से बनिहाल और दूसरी तरफ कटरा से जम्मू तक रेल सेवाएं चालू थीं। कश्मीर को देश के रेल नेटवर्क पर लाने के लिए बनिहाल से कटरा तक की कड़ी को जोड़ना आवश्यक था। मोदी सरकार ने इस संपर्क सेवा को दो चरणों में पूरा किया। पहले चरण में फरवरी 2024 में बनिहाल से संगलदान और फिर 6 जून 2025 को संगलदान से कटरा तक की सेवा चालू की गई।