प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में नई योजनाओं का किया शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कृषि क्षेत्र में 35,440 करोड़ रुपये की लागत वाली दो नई योजनाओं का उद्घाटन किया। ये योजनाएं, प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, किसानों की उत्पादकता बढ़ाने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई हैं। मोदी ने इस अवसर पर कहा कि ये योजनाएं करोड़ों किसानों के जीवन में बदलाव लाएंगी। उन्होंने पिछली सरकारों की कृषि क्षेत्र में अनदेखी की आलोचना की और वर्तमान सरकार के प्रयासों को उजागर किया।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में नई योजनाओं का किया शुभारंभ

कृषि क्षेत्र में नई योजनाओं की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कृषि क्षेत्र के लिए 35,440 करोड़ रुपये की लागत वाली दो महत्वपूर्ण योजनाओं, प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित किया गया, जो लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर था। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना का बजट 24,000 करोड़ रुपये है, जिसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता में वृद्धि, फसल विविधीकरण, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर भंडारण क्षमता में सुधार, सिंचाई सुविधाओं का विकास और 100 चयनित जिलों में दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को बढ़ाना है।


ऐतिहासिक दिन का महत्व

मोदी ने कहा कि 11 अक्टूबर का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि यह मां भारती के दो महान सपूतों, जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जयंती है। उन्होंने बताया कि ये दोनों महान नेता ग्रामीण भारत के लिए आवाज उठाते थे और लोकतंत्र के लिए संघर्ष करते थे। इस दिन, किसानों के कल्याण के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ किया गया है।


किसानों के लिए योजनाओं का महत्व

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये योजनाएं करोड़ों किसानों के जीवन में बदलाव लाने का कार्य करेंगी। इन योजनाओं पर सरकार 35,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि हमेशा से विकास यात्रा का हिस्सा रही है, और समय के साथ इसे सरकार का सहयोग मिलना आवश्यक है। पहले की सरकारों ने कृषि को नजरअंदाज किया, जिससे कृषि व्यवस्था कमजोर होती गई।


कृषि क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता

मोदी ने बताया कि 2004 से 2014 तक की संप्रग सरकार ने कृषि क्षेत्र की अनदेखी की थी। लेकिन भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने पिछले 11 वर्षों में किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम धन-धान्य कृषि योजना के लिए 100 जिलों का चयन तीन मानदंडों पर किया गया है: फसल की पैदावार, खेती की आवृत्ति, और किसानों को ऋण की उपलब्धता।


आकांक्षी जिलों पर ध्यान

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने 100 से अधिक जिलों को पिछड़ा घोषित कर दिया था, लेकिन उनकी सरकार ने इन जिलों को आकांक्षी जिलों के रूप में विकसित करने का कार्य किया है। उन्होंने बताया कि इन जिलों में सड़क, टीकाकरण और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया गया है।