प्रधानमंत्री मोदी ने कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया, विकास की नई दिशा का संकेत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया, जो देश के विकास और प्रशासनिक सुधार का प्रतीक है। उन्होंने इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम के महत्व और आधुनिक बुनियादी ढाँचे की आवश्यकता पर जोर दिया। मोदी ने कहा कि कर्तव्य भवन केवल एक इमारत नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के सपनों को साकार करने का स्थल है। उन्होंने किराए के भवनों की समस्या और फाइलों के प्रति दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता पर भी चर्चा की। यह उद्घाटन भारत के नव-निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Aug 6, 2025, 19:34 IST
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प्रधानमंत्री का उद्घाटन समारोह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर स्थित कर्तव्य भवन-03 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए, उन्होंने इस महत्वपूर्ण क्षण के महत्व पर चर्चा की। मोदी ने बताया कि अगस्त का महीना स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है और इस समय देश कई ऐतिहासिक मील के पत्थर देख रहा है, जिसमें आधुनिक बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का समापन शामिल है। उन्होंने कहा कि ये भवन केवल संरचनाएं नहीं हैं, बल्कि अमृतकाल में विकसित भारत की नीतियों और निर्णयों का केंद्र बनेंगे।
कर्तव्य भवन का महत्व
मोदी ने बताया कि कर्तव्य भवन का नामकरण गहन विचार-विमर्श के बाद किया गया है। कर्तव्य पथ और कर्तव्य भवन हमारे लोकतंत्र और संविधान की आत्मा का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद, देश की प्रशासनिक प्रणाली ब्रिटिश काल की इमारतों में चलती रही, जिनमें कार्य करने की स्थिति अत्यंत खराब थी। गृह मंत्रालय ने एक सदी से अधिक समय तक इन इमारतों से काम किया, जबकि संसाधनों की कमी थी।
कर्तव्य का अर्थ
प्रधानमंत्री ने कहा कि 'कर्तव्य' केवल एक इमारत का नाम नहीं है, बल्कि यह करोड़ों भारतीयों के सपनों को साकार करने का स्थल है। उन्होंने इसे कर्म और करूणा का प्रतीक बताया। कर्तव्य का अर्थ है संकल्प, परिश्रम और इच्छाशक्ति, जो देशवासियों की रक्षा का आधार है। यह 'नागरिक देवो भव' का संदेश भी देता है।
विकास की दिशा में कदम
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार भारत के नव-निर्माण के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है। कर्तव्य भवन का निर्माण केवल पहला कदम है, और कई अन्य भवनों का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश के हर हिस्से में विकास की धारा बह रही है। कर्तव्य भवन न केवल जन-समर्थक है, बल्कि ग्रह-समर्थक भी है, जिसमें सौर पैनल और उन्नत अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियाँ शामिल हैं।
किराए के भवनों की समस्या
मोदी ने बताया कि कई मंत्रालय दिल्ली में 50 विभिन्न स्थानों से संचालित हो रहे हैं, जिनमें से अधिकांश किराए के भवनों में हैं, जिस पर सालाना 1500 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। उन्होंने कहा कि कर्तव्य भवन के निर्माण से इस खर्च में कमी आएगी। इसके अलावा, उन्होंने फाइलों के प्रति दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि एक फाइल किसी के जीवन से जुड़ी हो सकती है।
भविष्य की जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई देश, जो स्वतंत्रता के समय भारत के साथ थे, तेजी से आगे बढ़ गए हैं। अब हमारा कर्तव्य है कि हम समस्याओं को आने वाली पीढ़ियों के लिए न छोड़ें।