प्रधानमंत्री मोदी ने कर सुधारों से नागरिकों का जीवन आसान बनाने की बात की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में कर सुधारों की घोषणा की है, जिससे नागरिकों का जीवन सरल होगा। उन्होंने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में आयकर रिफंड और फेसलेस मूल्यांकन जैसे सुधारों का जिक्र किया। इसके साथ ही, वार्षिक आय की कर-मुक्त सीमा को 12 लाख रुपये तक बढ़ाने की जानकारी दी। जानें इन सुधारों का नागरिकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और कैसे यह बदलाव उनके लिए फायदेमंद साबित होंगे।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कर सुधारों से नागरिकों का जीवन आसान बनाने की बात की

कर सुधारों का महत्व

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को नागरिकों के जीवन को सरल बनाने के लिए किए गए कर सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बेहतर क्षमताओं के चलते कर-मुक्त वार्षिक आय की सीमा को 12 लाख रुपये तक बढ़ाने में सफलता मिली है।


स्वतंत्रता दिवस पर संबोधन

79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि सरकार ने आयकर रिफंड की प्रक्रिया को तेज करने और फेसलेस मूल्यांकन को लागू करने के लिए कई सुधार किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नागरिकों के जीवन को सरल बनाने के लिए सुधारों की आवश्यकता थी।


आयकर छूट की नई सीमा

आयकर रिफंड, फेसलेस मूल्यांकन और कर-मुक्त आय सीमा को 12 लाख रुपये तक बढ़ाना, ये सभी सुधारों का परिणाम हैं। मोदी ने कहा कि किसी ने भी नहीं सोचा था कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कर राहत संभव हो सकती है। जब किसी देश की क्षमता बढ़ती है, तो उसके नागरिकों को इसका लाभ मिलता है।


बजट में बदलाव

सरकार ने 2025-26 के आम बजट में आयकर छूट की सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया था। मानक कटौती को ध्यान में रखते हुए, प्रभावी कर छूट 12.75 लाख रुपये प्रति वर्ष है। इसका मतलब है कि सालाना 12.75 लाख रुपये तक कमाने वाले वेतनभोगी व्यक्तियों को कोई आयकर नहीं देना होगा।