प्रधानमंत्री मोदी ने आईएनएस विक्रांत पर सैनिकों के साथ मनाई दिवाली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आईएनएस विक्रांत पर सैनिकों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के आत्मसमर्पण का उल्लेख करते हुए भारतीय सशस्त्र बलों के समन्वय की सराहना की। मोदी ने विक्रांत को आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बताया और इस अवसर पर सैनिकों के साथ अपने अनुभव साझा किए। यह समारोह भारतीय नौसेना की शक्ति और समर्पण का प्रतीक है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने आईएनएस विक्रांत पर सैनिकों के साथ मनाई दिवाली

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

सोमवार को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सशस्त्र बलों के बीच अद्वितीय समन्वय ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने आईएनएस विक्रांत पर उपस्थित सैनिकों को संबोधित करते हुए बताया कि भारतीय नौसेना का भय, वायु सेना की अद्भुत क्षमताएं और सेना की वीरता ने मिलकर पाकिस्तान को इतनी जल्दी आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया।


प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आईएनएस विक्रांत आत्मनिर्भर भारत का एक बड़ा प्रतीक है।


आईएनएस विक्रांत का महत्व

पीएम मोदी ने कहा कि यह स्वदेशी युद्धपोत केवल एक जहाज नहीं है, बल्कि यह 21वीं सदी के भारत की मेहनत, प्रतिभा और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने विक्रांत को विशाल, व्यापक और अद्वितीय बताया। गोवा और कारवार के तट पर दिवाली मनाते हुए, उन्होंने कहा, "आज का दिन अद्भुत है। यह दृश्य अविस्मरणीय है।"


उन्होंने आगे कहा कि एक ओर अनंत क्षितिज है और दूसरी ओर आईएनएस विक्रांत, जो शक्तियों का प्रतीक है।


दिवाली का उत्सव

प्रधानमंत्री मोदी ने गोवा और कारवार के तट पर आईएनएस विक्रांत का दौरा करते हुए सैनिकों के साथ दिवाली का त्यौहार मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने सैनिकों से बातचीत की और कहा कि उन्हें नौसेना के जवानों के साथ इस प्रकाशोत्सव को मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।


आईएनएस विक्रांत की लंबाई 262 मीटर है और इसका पूर्ण विस्थापन लगभग 45,000 टन है, जो इसके पूर्ववर्ती से अधिक बड़ा और उन्नत है। यह चार गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित है, जिनकी कुल शक्ति 88 मेगावाट है।