प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग को वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन बताया
योग का महत्व और वैश्विक प्रभाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आज की दुनिया विभिन्न प्रकार के तनावों का सामना कर रही है, और कई क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता देखी जा रही है। उन्होंने योग को शांति और एकता का प्रतीक बताया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने योग को न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी लोकप्रिय बनाया है, जिससे यह एक स्वास्थ्य आंदोलन बन गया है।
मुख्यमंत्री ने आरके बीच पर आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि योग का आयोजन 175 से अधिक देशों में, 12 लाख से अधिक स्थानों पर, और 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की भागीदारी के साथ किया जा रहा है।
योग का वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन में योगदान
नायडू ने कहा, "मैं हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने योग को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कर इसे एक वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन में परिवर्तित किया।"
उन्होंने यह भी बताया कि योग एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है, जिसे सभी ने राष्ट्रीयता, क्षेत्र और धर्म से परे स्वीकार किया है। योग शरीर, मन और आत्मा के सामंजस्य को बढ़ावा देता है और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है।
योग सुपर लीग और भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सितंबर से 'योग सुपर लीग' की शुरुआत की जाएगी और उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि योग को एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और अंततः ओलंपिक खेलों में शामिल करने के प्रयास किए जाएं।
नायडू ने कहा, "आप सभी जानते हैं कि केवल नरेंद्र मोदी ही इतिहास बना सकते हैं और रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। इसलिए मैं उनसे यह अनुरोध कर रहा हूं।"
उन्होंने यह भी साझा किया कि शुक्रवार को 22,122 आदिवासी छात्रों ने एक साथ योगाभ्यास कर नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे प्रतिदिन कम से कम एक घंटा योगाभ्यास के लिए अवश्य निकालें।
