प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन

प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन समारोह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन बुधवार को मनाया गया, लेकिन उत्सव का माहौल गुरुवार को भी बना रहा। इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में गीतकार मनोज मुंतशिर ने अपने नवीनतम सांस्कृतिक कार्यक्रम "मेरा देश पहले" के माध्यम से मोदी के जीवन की कहानी को नाटकीय रूप में प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने किया, जिसमें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा भी शामिल हुए। इस संगीतात्मक प्रस्तुति का निर्देशन दीपक गत्तानी ने किया और गायक बी प्राक ने अपनी आवाज दी। मंचन की शुरुआत भगवान राम के स्मरण से हुई, जिसमें राम के राज्याभिषेक से पहले की चुनौतियों के समानांतर मोदी के संघर्ष और नेतृत्व की यात्रा को दर्शाया गया।
मोदी के जीवन की झलकियाँ
इस कथा में मोदी के बचपन के दिनों से लेकर वडनगर की चाय की दुकान और मां हीराबेन के स्नेह का उल्लेख किया गया। इसके बाद हिमालय की साधना, आपातकाल के दौरान भूमिगत संघर्ष, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सक्रियता, गुजरात की राजनीति से लेकर 2014 में प्रधानमंत्री बनने तक की यात्रा को बखूबी दर्शाया गया। प्रस्तुति ने अनुच्छेद 370 हटाने, तीन तलाक कानून और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जैसे ऐतिहासिक निर्णयों को स्वतंत्रता के बाद के अधूरे वादों की पूर्ति के रूप में रेखांकित किया। अंतिम दृश्य में चंद्रयान-3, डिजिटल इंडिया, आर्थिक विकास और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे प्रतीकों के माध्यम से मोदी को 21वीं सदी के भारत के शिल्पकार के रूप में प्रस्तुत किया गया।
कला और संस्कृति का संगम
कपिल मिश्रा ने दिल्ली को देश की विविध संस्कृति से भरे आयोजनों का स्थल बना दिया है। "मेरा देश पहले" कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के जीवन की विशेष झलकियाँ प्रस्तुत की। यह केवल एक सांस्कृतिक संध्या नहीं थी, बल्कि भारतीय राजनीति के सबसे प्रभावशाली नेता की गाथा को कला, संगीत और भावनाओं के माध्यम से समझने का प्रयास था। मनोज मुंतशिर की शैली ने दर्शकों को मोदी के जीवन के आरंभिक संघर्षों और मातृसंस्कारों से जोड़ते हुए उस दौर तक पहुँचाया जब वे तपस्या और सेवा की भावना से राष्ट्रीय राजनीति में कदम रख रहे थे।
मोदी के निर्णयों का महत्व
अनुच्छेद 370 की समाप्ति, तीन तलाक कानून और अयोध्या में राम मंदिर जैसे प्रसंगों का मंचन यह संदेश देता है कि मोदी के कार्यकाल के निर्णय केवल राजनीतिक सुधार नहीं, बल्कि भारतीय समाज की ऐतिहासिक आकांक्षाओं की पूर्ति हैं। इन दृश्यों ने यह स्पष्ट किया कि “ब्रांड मोदी” की लोकप्रियता केवल प्रशासनिक उपलब्धियों पर आधारित नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव से भी पोषित है।
भारत का भविष्य
विशेष उल्लेखनीय यह रहा कि अंतिम दृश्यों में भारत को भविष्य की महाशक्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया। चंद्रयान-3 की सफलता, डिजिटल लेन-देन की क्रांति और सर्जिकल स्ट्राइक की दृढ़ता को जोड़कर यह छवि गढ़ी गई कि मोदी केवल वर्तमान के नेता नहीं बल्कि 21वीं सदी के भारत के शिल्पकार भी हैं। इस संदेश ने दर्शकों के मन में यह विश्वास जगाया कि भारत अब वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास और गौरव के साथ खड़ा है।
राजनीतिक दृष्टिकोण
राजनीतिक दृष्टि से देखें तो यह कार्यक्रम मोदी की छवि को एक ऐसे लोकनायक के रूप में पुष्ट करता है जिसकी कहानी व्यक्तिगत संघर्ष और राष्ट्रीय उत्थान की एक साथ व्याख्या करती है। यही कारण है कि यह आयोजन महज़ एक जन्मदिन समारोह से कहीं आगे बढ़कर एक सांस्कृतिक–राजनीतिक विमर्श बन गया।
दिल्ली का सांस्कृतिक केंद्र
कपिल मिश्रा और उनकी टीम द्वारा आयोजित इस तरह के कार्यक्रम दिल्ली को केवल राजनीति का केंद्र ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और लोकतांत्रिक नेतृत्व के प्रतीकात्मक उत्सवों का मंच भी बना रहे हैं। जब एक नेता का जीवन कला और संस्कृति के माध्यम से राष्ट्र के सामने आता है, तो वह केवल स्मरण नहीं, बल्कि प्रेरणा बन जाता है। "मेरा देश पहले" इसी प्रेरणा का प्रतीक था, जो यह संदेश देता है कि भारत का भविष्य केवल नीतियों में नहीं, बल्कि उन मूल्यों और आदर्शों में है जिन्हें उसके नेता जीते और जगा कर दिखाते हैं।