प्रधानमंत्री मोदी की ब्राजील यात्रा: भारत-ब्राजील सैन्य संबंधों की नई संभावनाएं

प्रधानमंत्री मोदी की ब्राजील यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पांच देशों की यात्रा के दौरान ब्राजील में कदम रखा है। यहां वे रियो डी जेनेरो में BRICS देशों के 17वें शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह उनका इस सम्मेलन में 12वां भागीदारी है। 8 जुलाई को, वे ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसमें कई महत्वपूर्ण समझौतों की उम्मीद है।
भारत-ब्राजील संबंधों का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
भारत और ब्राजील के बीच राजनयिक संबंध 1948 में स्थापित हुए थे, जब दोनों देशों ने अपने दूतावास खोले थे। 2006 में, इन संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित किया गया। दोनों देश BRICS, G-20, G-4, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, UNESCO, संयुक्त राष्ट्र और विश्व व्यापार संगठन जैसे बहुपक्षीय संगठनों के सदस्य हैं।
रक्षा सहयोग का विस्तार
2003 में, भारत और ब्राजील ने एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत, संयुक्त रक्षा समिति (JDC) की स्थापना की गई, जिसकी अब तक 7 बैठकें हो चुकी हैं। पिछले तीन वर्षों में, दोनों देशों के उच्चस्तरीय रक्षा प्रतिनिधिमंडल एक-दूसरे के देशों का दौरा कर रहे हैं।
रक्षा अधिकारियों के दौरे
भारत और ब्राजील के बीच कई उच्च-स्तरीय रक्षा प्रतिनिधिमंडल के दौरे हो चुके हैं। भारत के वायु सेना प्रमुख ने ब्राजील का दौरा किया है, जबकि ब्राजील के वायु सेना कमांडर भी भारत आए हैं। अगस्त में, ब्राजील के नौसेना कमांडर ने भी भारत की 5 दिवसीय यात्रा की।
ब्राजील की रक्षा उपकरणों में रुचि
ब्राजील ने भारत से कई रक्षा उपकरण खरीदने में रुचि दिखाई है, जिसमें DRDO द्वारा विकसित आकाश वायु रक्षा प्रणाली शामिल है। इसके अलावा, स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां और गरुड़ तोपों पर भी ब्राजील की नजर है।
संभावित रक्षा समझौतों पर चर्चा
विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव पी कुमारन ने बताया कि ब्राजील सुरक्षित संचार प्रणाली, गश्ती जहाजों, और स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के लिए साझेदारी में रुचि रखता है।
भारत का रक्षा निर्यात लक्ष्य
भारत ने 2029 तक रक्षा निर्यात को 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। ब्राजील के साथ साझेदारी इस दिशा में महत्वपूर्ण है।