प्रधानमंत्री मोदी की बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल से बैठक की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल से बैठक 9 या 10 जून को नई दिल्ली में होने की संभावना है। यह प्रतिनिधिमंडल 33 देशों में भेजा गया था, जिसका उद्देश्य भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करना और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाना है। बैठक में प्रमुख राजनीतिक नेताओं और राजनयिकों की भागीदारी होगी, जो प्रधानमंत्री को यात्रा के दौरान हुए महत्वपूर्ण घटनाक्रमों से अवगत कराएंगे।
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प्रधानमंत्री मोदी की बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल से बैठक की तैयारी

प्रधानमंत्री मोदी की महत्वपूर्ण बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मिलने की उम्मीद है, जिन्हें पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के बाद भारत के कूटनीतिक प्रयासों के तहत 33 देशों में भेजा गया था। यह बैठक 9 या 10 जून को नई दिल्ली में होने की संभावना है। प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, वरिष्ठ राजनीतिक नेता और अनुभवी राजनयिक शामिल हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भारत की स्थिति पेश करने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए वैश्विक समर्थन जुटाने का काम सौंपा गया है। सूत्रों के अनुसार, आगामी बैठक में प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री को अपनी यात्रा के दौरान हुए प्रमुख घटनाक्रमों से अवगत कराएंगे जिसमें उच्च स्तरीय बैठकें, रणनीतिक बातचीत, तथा पहलगाम हमले और भारत के व्यापक आतंकवाद-रोधी प्रयासों के संबंध में विभिन्न देशों से प्राप्त प्रतिक्रियाएं शामिल होंगी। सरकार ने सात प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजे। प्रत्येक का नेतृत्व एक प्रमुख सांसद द्वारा किया गया।


प्रतिनिधिमंडल के सदस्य

शशि थरूर (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)


रविशंकर प्रसाद (भारतीय जनता पार्टी)


संजय कुमार झा (जनता दल यूनाइटेड)


बैजयंत पांडा (भाजपा)


कनिमोझी करुणानिधि (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम)


सुप्रिया सुले (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी)


श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना)


बैठक के उद्देश्य

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री को न केवल इन यात्राओं के परिणामों से अवगत कराया जाएगा, बल्कि आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर भारत के संदेश पर वैश्विक प्रतिक्रियाओं के स्वर और सार से भी अवगत कराया जाएगा। इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी 4 जून को शाम 4.30 बजे मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जो पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद पहली बैठक होगी।