प्रधानमंत्री मोदी की कनाडा यात्रा: जी7 शिखर सम्मेलन में भागीदारी

प्रधानमंत्री मोदी का कनाडा दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार, 17 जून को कनाडा के कैलगरी पहुंचे, जहां वे अल्बर्टा के कनानास्किस में आयोजित 51वें जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह यात्रा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत-कनाडा के बीच तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कनाडा पहुंचने के बाद, मोदी ने कहा कि वे सम्मेलन में विभिन्न वैश्विक नेताओं से मिलकर वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं को उजागर करेंगे। यह मोदी की एक दशक में पहली कनाडा यात्रा है।
इस दौरान, प्रधानमंत्री विश्व के नेताओं के साथ ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
मोदी, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर साइप्रस से सोमवार शाम को कनाडा पहुंचे। यह सम्मेलन 16 से 17 जून तक चलेगा और यह जी7 शिखर सम्मेलन में उनकी लगातार छठी भागीदारी है।
विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में बताया कि शिखर सम्मेलन में मोदी जी7 देशों के नेताओं, अन्य आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार, विशेष रूप से एआई-ऊर्जा संबंध और क्वांटम-संबंधी मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
द्विपक्षीय बैठकें और आतंकवाद पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकों का आयोजन भी करेंगे। यह सम्मेलन भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत के एक महीने बाद हो रहा है, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया था।
जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मोदी को कार्नी द्वारा दिया गया आमंत्रण, नई सरकार की भारत के साथ संबंधों को सुधारने की मंशा का संकेत है, जो खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद सबसे खराब स्थिति में पहुंच गए थे।
भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की कोशिश
पिछले साल अक्टूबर में, भारत ने अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था, क्योंकि ओटावा ने उन्हें निज्जर मामले से जोड़ने का प्रयास किया था। भारत ने कनाडा के भी उतने ही राजनयिकों को निष्कासित किया था।
भारत ने जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर कनाडा की धरती से खालिस्तानी समर्थकों को काम करने की अनुमति देने का आरोप लगाया था।
कार्नी ने ट्रूडो के पद से हटने के बाद कनाडा के नए प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। पिछले कुछ महीनों में, भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों ने संपर्क पुनः शुरू किया है और दोनों पक्ष नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की संभावना पर विचार कर रहे हैं।
जी7 शिखर सम्मेलन का वैश्विक संदर्भ
जी7 शिखर सम्मेलन भू-राजनीतिक तनावों के बीच हो रहा है, जिसमें ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क नीतियों के चलते शुरू हुआ व्यापार युद्ध शामिल है।
‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी-7) दुनिया की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं - फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा तथा यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक समूह है।
इसके सदस्य हर साल जी-7 शिखर सम्मेलन में वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मिलते हैं। भारत, जो विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, को पिछले कुछ वर्षों से नियमित रूप से जी-7 शिखर सम्मेलन के संपर्क सत्र में आमंत्रित किया जाता रहा है।