प्रधानमंत्री मोदी का स्वतंत्रता दिवस पर मोटापे और महिलाओं के योगदान पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में मोटापे की बढ़ती समस्या और महिलाओं के योगदान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मोटापा देश के लिए एक गंभीर चुनौती है और सभी को इसके खिलाफ लड़ाई में योगदान देना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने महिलाओं की भूमिका को भी सराहा, जो न केवल उभरती अर्थव्यवस्था की लाभार्थी हैं, बल्कि इसकी गति को भी बढ़ावा दे रही हैं। जानें और क्या कहा पीएम मोदी ने इस खास अवसर पर।
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प्रधानमंत्री मोदी का स्वतंत्रता दिवस पर मोटापे और महिलाओं के योगदान पर जोर

79वां स्वतंत्रता दिवस समारोह

भारत आज अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए तैयार है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले से समारोह का नेतृत्व किया। इस अवसर पर, उन्होंने तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान गाया। इस समारोह में विशिष्ट अतिथियों, वरिष्ठ सरकारी और रक्षा अधिकारियों, और एथलीटों सहित हजारों लोग उपस्थित थे। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देश में बढ़ते मोटापे की समस्या पर भी प्रकाश डाला।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि मोटापा अब देश के लिए एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है और इसके खिलाफ सभी को एकजुट होकर लड़ाई लड़नी चाहिए। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले वर्षों में हर तीन में से एक व्यक्ति मोटापे का शिकार होगा। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य के मामले में यह चिंता का विषय है। हर परिवार को इस पर ध्यान देना चाहिए कि मोटापा हमारे लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। हमें इसे रोकने के लिए कदम उठाने होंगे।” मोदी ने परिवारों से आग्रह किया कि वे खाना पकाने के लिए 10 प्रतिशत कम तेल खरीदें और उसके उपयोग में भी 10 प्रतिशत की कमी करें।


महिलाओं का योगदान

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर महिलाओं के बढ़ते योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “आज हर क्षेत्र में हमारी नारी शक्ति की ताकत को गर्व से स्वीकार किया जा रहा है।” उन्होंने बताया कि महिलाएं न केवल उभरती अर्थव्यवस्था की लाभार्थी हैं, बल्कि इसकी गति को भी बढ़ावा दे रही हैं। मोदी ने कहा, “स्टार्ट-अप से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक, खेल के मैदानों से लेकर सशस्त्र बलों तक, हमारी बेटियां अपनी पहचान बना रही हैं। आज, महिलाएं गर्व के साथ देश की विकास यात्रा में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं।”


महिला कैडेटों का स्नातक

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से महिला कैडेटों के पहले बैच के स्नातक होने के समय देश में उत्पन्न हुई गौरव की भावना को याद किया। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की और ‘नमो ड्रोन दीदी’ पहल का उल्लेख किया, जिसने ग्रामीण महिलाओं को नई पहचान दी है। उन्होंने एक गांव की कहानी साझा की, जहां एक बहन ने बताया कि लोग अब उसे पायलट कहते हैं। उसने गर्व से कहा कि वह ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है, फिर भी उसका कद बढ़ गया है।


लखपति दीदियों का संकल्प

मोदी ने तीन करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने के सरकार के संकल्प का भी जिक्र किया, यानी ऐसी महिलाएं जो सालाना एक लाख रुपये से अधिक कमाएं। उन्होंने कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी नारी शक्ति के सहयोग से दो करोड़ महिलाएं पहले ही लखपति दीदी बन चुकी हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि यह लक्ष्य समय से पहले ही हासिल किया जाएगा। लाल किला प्रांगण में आयोजित समारोह में कई ‘लखपति दीदियों’ की उपस्थिति में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी बढ़ती भूमिका भारत की विकास यात्रा को नई ऊर्जा प्रदान करेगी।