प्रधानमंत्री मोदी का भोपाल में महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में ऐतिहासिक संबोधन

महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में पीएम मोदी का आगमन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भोपाल में आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने जम्बूरी मैदान में 'लोकमाता देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन' के दौरान देवी अहिल्याबाई होल्कर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
महिलाओं द्वारा स्वागत और योजनाओं का शुभारंभ
पीएम मोदी का स्वागत नारी शक्ति ने सिंदूर से किया। यह उनका मध्य प्रदेश में ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला दौरा है। कार्यक्रम की सभी व्यवस्थाएं महिलाओं द्वारा संभाली गई थीं। पीएम मोदी ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं का उद्घाटन किया और एक डाक टिकट भी जारी किया।
महिलाओं के प्रति सम्मान और प्रेरणा
पीएम मोदी ने कहा, “मैं सबसे पहले मां भारती और भारत की मातृशक्ति को प्रणाम करता हूं। यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें-बेटियां आशीर्वाद देने आई हैं, मैं धन्य महसूस कर रहा हूं।”
लोकमाता देवी अहिल्याबाई की जयंती
उन्होंने आगे कहा, “आज लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती है। यह अवसर 140 करोड़ भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। देवी अहिल्याबाई का मानना था कि शासन का सही अर्थ जनता की सेवा करना है।”
विकास की नई योजनाएं
पीएम मोदी ने कहा, “आज इंदौर मेट्रो का शुभारंभ हुआ है, और दतिया तथा सतना भी हवाई सेवा से जुड़ गए हैं। ये सभी परियोजनाएं मध्य प्रदेश में विकास को गति देंगी और रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगी।”
देवी अहिल्याबाई का महान व्यक्तित्व
उन्होंने देवी अहिल्याबाई के महान कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “उनका नाम सुनते ही श्रद्धा का भाव उमड़ता है। उन्होंने अपने राज्य की समृद्धि को नई दिशा दी।”
आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश देते हुए कहा, “हम आतंकवादियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाएंगे। ऑपरेशन सिंदूर भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल ऑपरेशन है।”
महिलाओं की भूमिका पर जोर
महिलाओं की भागीदारी पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “हमारी सरकार Women Led Development के विजन को प्राथमिकता दे रही है। हमारी बेटियां आज देश की सुरक्षा की ढाल बन रही हैं।”
मध्य प्रदेश को मिली नई सौगातें
उज्जैन में सिंहस्थ महापर्व 2028 के लिए 778.91 करोड़ रुपये की लागत से घाट निर्माण और 83.39 करोड़ रुपये की लागत से बैराज का भूमि-पूजन किया गया। इसके अलावा, इंदौर मेट्रो का शुभारंभ और दतिया तथा सतना एयरपोर्ट का लोकार्पण भी किया गया।