प्रधानमंत्री मोदी का दिवाली संदेश: स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की। उन्होंने इस त्योहार को सद्भाव, खुशी और समृद्धि का प्रतीक बताया। योगी आदित्यनाथ ने भी दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए इसे सत्य की विजय का पर्व बताया। जानें इस खास मौके पर उनके संदेश का महत्व और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की आवश्यकता।
Oct 20, 2025, 08:58 IST
|

दिवाली की खुशियों का संदेश

आज देशभर में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर जगह रोशनी और खुशियों का माहौल है। इस खास मौके पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कामना की कि यह रोशनी का त्योहार लोगों के जीवन में सद्भाव, खुशी और समृद्धि लाए।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में, प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “दिवाली के इस अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। यह त्योहार हमारे जीवन को सद्भाव, खुशी और समृद्धि से रोशन करे। हमारे चारों ओर सकारात्मकता का माहौल बना रहे।”
स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का आग्रह
प्रधानमंत्री मोदी ने त्योहार के दौरान स्वदेशी उत्पादों को खरीदने की अपील की, जिससे स्थानीय कारीगरों को समर्थन मिले और भारतीय उत्पादों की बिक्री बढ़े। मोदी सरकार आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी सामान को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।
Lets mark this festive season by celebrating the hardwork, creativity and innovation of 140 crore Indians.
Lets buy Indian products and say- Garv Se Kaho Yeh Swadeshi Hai!
Do also share what you bought on social media. This way you will inspire others to also do the same.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 19, 2025
उन्होंने कहा कि आइए इस त्योहारी मौसम में 140 करोड़ भारतीयों की मेहनत और रचनात्मकता का जश्न मनाएं। भारतीय उत्पाद खरीदें और गर्व से कहें कि ये स्वदेशी हैं। अपने खरीदे गए सामान को सोशल मीडिया पर साझा करें ताकि आप दूसरों को भी प्रेरित कर सकें।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शुभकामना संदेश
योगी आदित्यनाथ ने भी दिवाली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह पर्व सत्य की विजय का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने लिखा, “दीपावली का महापर्व सत्य, धर्म और सकारात्मकता की विजय का प्रतीक है। यह केवल दीप जलाने का अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मा में आशा और समाज में समरसता का संचार है।”