प्रधानमंत्री मोदी का ओमान दौरा: भारत-ओमान व्यापार संबंधों को नई दिशा

प्रधानमंत्री मोदी का ओमान दौरा भारत-ओमान व्यापार संबंधों को नई दिशा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर था। इस दौरान उन्होंने भारत की बदलती आर्थिक सोच, जीएसटी के प्रभाव और दिवालियापन कानून के महत्व पर चर्चा की। मोदी ने युवाओं को बड़े सपने देखने और विविधता का सम्मान करने के लिए प्रेरित किया। जानें इस दौरे की खास बातें और भारत-ओमान संबंधों की गहराई।
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भारत-ओमान व्यापार फोरम का आयोजन

मस्कट में आयोजित इंडिया-ओमान बिजनेस फोरम में दोनों देशों के प्रमुख कारोबारी नेताओं ने भाग लिया। इस मंच पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की बदलती आर्थिक सोच और भविष्य की साझेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल व्यापारिक संबंधों की बात नहीं है, बल्कि यह भारत की नई आर्थिक दृष्टि का प्रतीक है।


प्रधानमंत्री मोदी का आर्थिक सुधारों पर जोर

मोदी ने स्पष्ट किया कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने न केवल नीतियों में बदलाव किया है, बल्कि अपनी आर्थिक सोच को भी पूरी तरह से बदल दिया है। उन्होंने कहा कि जिन सुधारों को पहले कठिन माना जाता था, आज वही भारत की ताकत बन चुके हैं।


जीएसटी और दिवालियापन कानून का महत्व

प्रधानमंत्री ने जीएसटी का उल्लेख करते हुए कहा कि इसने देश को एक साझा बाजार में बदल दिया है। इसके अलावा, दिवालियापन और ऋण शोधन कानून ने वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा दिया है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।


भारत की आर्थिक वृद्धि की चर्चा

भारत की आर्थिक वृद्धि की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत ने 1% से अधिक की वृद्धि दर हासिल की है। उन्होंने बताया कि यह सफलता भारत के आर्थिक डीएनए में बदलाव का परिणाम है।


भारत-ओमान संबंधों का जश्न

मोदी ने भारत और ओमान के बीच 70 वर्षों के राजनयिक संबंधों का जिक्र करते हुए इसे एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने कहा कि यह संबंध न केवल भौगोलिक रूप से, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी गहरे हैं।


युवाओं के लिए प्रेरणादायक संदेश

प्रधानमंत्री ने युवाओं को बड़े सपने देखने और साहसपूर्वक नए विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विविधता हमारी संस्कृति की ताकत है और हमें इसे सम्मानित करना चाहिए।