प्रधानमंत्री मोदी का असम दौरा: छात्रों के साथ संवाद और सुरक्षा इंतजाम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम के दौरे के दौरान ब्रह्मपुत्र नदी में क्रूज पर सवार होकर ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में छात्रों से संवाद किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के 25 छात्रों ने भाग लिया। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। मोदी के दौरे के मद्देनजर, नदी पर नौका सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। जानें इस दौरे के दौरान क्या खास रहा और छात्रों के लिए यह कार्यक्रम कैसे महत्वपूर्ण है।
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प्रधानमंत्री का ब्रह्मपुत्र नदी में क्रूज पर संवाद

रविवार की सुबह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम के दौरे के दूसरे दिन ब्रह्मपुत्र नदी में एक क्रूज पर सवार होकर ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में विद्यार्थियों से बातचीत की। इस कार्यक्रम में असम के विभिन्न स्कूलों से 25 छात्रों ने भाग लिया।


अधिकारियों के अनुसार, मोदी ने तीन डेक वाले ‘एम वी चराइदेव दो’ क्रूज पर यात्रा की। वह गुवाहाटी गेटवे टर्मिनल पहुंचे और तैरते पुल के माध्यम से जहाज तक पहुंचे। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस टर्मिनल का उद्घाटन किया था।


सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान सुबह से ही नदी में गश्त कर रहे हैं।


मोदी के दौरे के मद्देनजर, शनिवार से दो दिन के लिए ब्रह्मपुत्र नदी पर नौका सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। कार्यक्रम में कामरूप मेट्रोपॉलिटन, मरिगांव, डिब्रूगढ़, कछार, श्रीभूमि, बक्सा, दीमा हसाओ, कोकराझार, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और नलबाड़ी जिलों के छात्रों ने भाग लिया।


अधिकारियों ने बताया कि इस कार्यक्रम में जवाहर नवोदय विद्यालय, पीएम श्री स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, असम जातीय विद्यालय, डॉन बॉस्को संस्थान और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय जैसे सरकारी, आवासीय और निजी स्कूलों के छात्रों ने हिस्सा लिया।


मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पहले कहा था कि पिछले साल प्रधानमंत्री के काजीरंगा दौरे के बाद वहां पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई थी, और इसी तरह नदी पर्यटन में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है। ‘परीक्षा पे चर्चा’ का आयोजन 2018 से हर साल किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य छात्रों को परीक्षा के दबाव से निपटने में मदद करना और पढ़ाई तथा मानसिक स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाए रखना है।