प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन: जीवन की अनकही कहानियाँ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 75 वर्ष के हो गए हैं। इस अवसर पर उन्हें देश-विदेश से बधाइयाँ मिल रही हैं। मोदी का जीवन एक साधारण परिवार से शुरू होकर राजनीति के शीर्ष तक पहुंचा है। जानें उनके जन्म, परिवार, चाय की दुकान से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक की यात्रा के बारे में। यह लेख उनके जीवन की कुछ अनकही कहानियों को उजागर करता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन: जीवन की अनकही कहानियाँ

प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन

आज, 17 सितंबर को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस विशेष अवसर पर उन्हें देश और विदेश से बधाइयों का तांता लगा हुआ है। एक साधारण परिवार से आने वाले मोदी ने राजनीति में एक लंबा सफर तय किया है। वह तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अब लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उनकी पहचान केवल राजनीति तक सीमित नहीं है। आइए, उनके जन्मदिन पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियों पर नजर डालते हैं...


जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ। उनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद मोदी और मां का नाम हीराबेन है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वडनगर के भागवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल से प्राप्त की। बचपन से ही उन्हें वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, अभिनय और नाटकों में रुचि थी। स्कूल के दिनों में वह एनसीसी कैडेट भी रहे। इसके बाद उन्होंने अमेरिकी प्रबंधन और जनसंपर्क से संबंधित तीन महीने का कोर्स किया।


चाय की दुकान का अनुभव

पीएम मोदी के बारे में एक आम धारणा है कि उन्होंने अपने पिता के साथ रेलवे स्टेशन पर चाय बेची थी। यह बात उन्होंने कई बार साझा की है। दरअसल, उनके पिता की वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान थी, जहां वह अपने पिता की मदद करते थे। 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान, उन्होंने स्टेशन से गुजरने वाले भारतीय सैनिकों को चाय पिलाई थी।


आरएसएस से संबंध

पीएम मोदी का आरएसएस से गहरा नाता है। 1958 में गुजरात के प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार ने मोदी को बाल स्वयंसेवक की शपथ दिलाई थी, जिसके बाद वह संघ के सक्रिय सदस्य बन गए। इस दौरान उन्होंने भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के साथ यात्रा की।


राजनीतिक यात्रा

लालकृष्ण आडवाणी को पीएम मोदी का राजनीतिक गुरु माना जाता है। 1985 में मोदी ने भाजपा से जुड़कर राजनीति में कदम रखा। उनकी सक्रियता के कारण उन्हें जल्दी ही पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गईं। 1988-89 में उन्हें गुजरात बीजेपी का महासचिव बनाया गया और 1995 में भाजपा का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया।


गुजरात के मुख्यमंत्री

2001 में गुजरात में आए भूकंप के बाद, तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने इस्तीफा दिया। इसके बाद मोदी को दिल्ली से गुजरात भेजा गया और वह पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उनके कार्यों के कारण गुजरात की जनता ने उन्हें चार बार मुख्यमंत्री चुना।


प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार

2014 में लोकसभा चुनाव में एनडीए ने मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। उनकी अगुवाई में एनडीए ने चुनाव में शानदार जीत हासिल की, भाजपा ने 282 सीटें जीतीं। 2019 में भी उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और 9 जून 2024 को लगातार तीसरी बार पीएम बने। वह पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने लाल किले से लगातार 9 बार देश को संबोधित किया।