प्रधानमंत्री कार्यालय का नया स्थान: सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बदलाव
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) अब सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में स्थानांतरित होने जा रहा है। यह बदलाव अगले महीने होगा और इसके साथ ही पुराने नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को 'युग युगीन भारत संग्रहालय' में परिवर्तित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बदलाव को औपनिवेशिक ढांचों से मुक्ति के रूप में देखा है। नए पीएमओ में आधुनिक सुविधाएं होंगी, जो भारत की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाएंगी। जानें इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में अधिक जानकारी।
Aug 17, 2025, 19:13 IST
|

प्रधानमंत्री कार्यालय का स्थानांतरण
आजादी के 78 वर्ष बाद, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) अपने ऐतिहासिक स्थान साउथ ब्लॉक से हटकर सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत निर्मित नए एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में स्थानांतरित होने जा रहा है। यह महत्वपूर्ण परिवर्तन अगले महीने होगा, जिससे नया पीएमओ प्रधानमंत्री आवास के निकट स्थित होगा।
पुराने ब्लॉकों का नया रूप
नॉर्थ और साउथ ब्लॉक बनेंगे 'युग युगीन भारत संग्रहालय'
सरकार ने यह घोषणा की है कि पुराने नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को 'युग युगीन भारत संग्रहालय' में परिवर्तित किया जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसके लिए राष्ट्रीय संग्रहालय और फ्रांस के संग्रहालय विकास के बीच एक समझौता भी हुआ है। यह संग्रहालय भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इतिहास को प्रदर्शित करेगा, साथ ही देश के अतीत, वर्तमान और भविष्य की आकांक्षाओं को भी दर्शाएगा।
औपनिवेशिक ढांचों से मुक्ति
'औपनिवेशिक काल के ढांचों से मिलेगी आजादी'
हाल ही में नए प्रशासनिक भवनों का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दशकों से देश की शासन व्यवस्था औपनिवेशिक ढांचों पर निर्भर थी, जहां जगह, रोशनी और हवा की कमी थी। उन्होंने बताया कि कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों को इन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
नए पीएमओ का नामकरण
सूत्रों के अनुसार, नए पीएमओ को एक नया नाम दिया जा सकता है, जो 'सेवा भावना' को दर्शाता हो। प्रधानमंत्री ने लगातार तीसरी बार पदभार संभालने के बाद कहा, 'पीएमओ जनता का पीएमओ होना चाहिए, यह मोदी का पीएमओ नहीं है।'
आधुनिक सुविधाओं से लैस नया एन्क्लेव
आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा नया एन्क्लेव
नए एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में केवल पीएमओ ही नहीं, बल्कि कैबिनेट सचिवालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय भी होगा। इसमें एक आधुनिक सम्मेलन कक्ष भी होगा, जिसमें पुरानी इमारतों में उपलब्ध सुविधाओं की तुलना में कई नई सुविधाएं होंगी।
सरकार का कहना है कि यह कदम केवल प्रशासनिक व्यवस्था का आधुनिकीकरण नहीं है, बल्कि एक ऐसा स्थान तैयार करना है जो भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को दर्शाता हो।