प्रदूषण का डायबिटीज पर प्रभाव: विशेषज्ञों की सलाह

सर्दी के मौसम में बढ़ते प्रदूषण का डायबिटीज के मरीजों पर क्या असर पड़ता है? विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण के कण इंसुलिन के कार्य में बाधा डाल सकते हैं। जानें किन मरीजों को अधिक खतरा है और प्रदूषण से बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।
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प्रदूषण का डायबिटीज पर प्रभाव: विशेषज्ञों की सलाह

प्रदूषण और स्वास्थ्य पर प्रभाव

प्रदूषण का डायबिटीज पर प्रभाव: विशेषज्ञों की सलाह

एक्यूआई बढ़ रहा

सर्दी का मौसम आ चुका है और प्रदूषण भी अपने चरम पर है। यह दोनों मिलकर स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। प्रदूषण का असर सभी पर पड़ता है, लेकिन क्या यह डायबिटीज के मरीजों को भी प्रभावित करता है? इस विषय पर विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त की गई है। चिकित्सकों के अनुसार, हवा में मौजूद सूक्ष्म प्रदूषक कण, जैसे पीएम2.5, फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं और डायबिटीज के रोगियों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

दिल्ली में एमसीडी के डॉ. अजय कुमार का कहना है कि यदि डायबिटीज के मरीजों को प्रदूषण का अधिक संपर्क होता है, तो यह उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। प्रदूषण के कण शरीर में सूजन पैदा करते हैं, जिससे इंसुलिन के कार्य में बाधा आ सकती है। इसके अलावा, हार्मोन का संतुलन भी बिगड़ सकता है, विशेषकर कोर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे शुगर लेवल अचानक बढ़ने का खतरा होता है। हालांकि, यह सभी मरीजों पर लागू नहीं होता, लेकिन कुछ के लिए यह जोखिम बढ़ा सकता है।

कौन से डायबिटीज मरीजों को अधिक खतरा है?

जिनकी शुगर लंबे समय से नियंत्रण में नहीं है

60 वर्ष से अधिक आयु के डायबिटीज मरीज

जो इंसुलिन का सेवन करते हैं

जिन्हें हृदय या किडनी की समस्याएं हैं

डायबिटीज मरीजों को प्रदूषण से बचने के उपाय

सुबह की सैर बाहर न करें

बाहर निकलते समय मास्क पहनें

दवाएं समय पर लें

रोजाना शुगर लेवल की जांच करें

यदि शुगर लेवल बढ़ जाए तो क्या करें?

यदि शुगर लेवल बढ़ता है, तो खुद से डोज बढ़ाने से बचें। डॉक्टर से सलाह लें और उनकी सलाह के अनुसार दवाएं लें। खानपान का ध्यान रखें और अधिक मीठा या फास्ट फूड से बचें। बाहर जाकर व्यायाम करने से बचें, लेकिन घर के अंदर हल्की एक्सरसाइज कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करें कि आपकी कोई दवा छूट न जाए।