प्रदूषण का इम्यूनिटी पर प्रभाव: विशेषज्ञों की राय
प्रदूषण और इम्यूनिटी का संबंध
वायु प्रदूषण
जैसे-जैसे मौसम बदलता है, वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। यह समस्या हर व्यक्ति को प्रभावित करती है, जिसके लक्षण जैसे लंग्स में संक्रमण, बार-बार खांसी, आंखों में जलन और त्वचा पर प्रभाव देखने को मिलते हैं। हालांकि, यह धारणा भी है कि जिनकी इम्यूनिटी मजबूत होती है, उन्हें प्रदूषण से कोई नुकसान नहीं होता। कुछ लोग मानते हैं कि उन्हें प्रदूषण का कोई असर नहीं पड़ेगा, चाहे स्थिति कितनी भी गंभीर क्यों न हो। इस विषय पर दिल्ली एम्स के डॉ. हिमांशु भदानी ने अपने विचार साझा किए हैं।
डॉ. भदानी के अनुसार, भले ही मजबूत इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों में लक्षण कम दिखाई दें, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि प्रदूषण का प्रभाव पूरी तरह से समाप्त हो जाता है। लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से, अच्छे इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों में भी नुकसान हो सकता है। इससे शरीर में फ्री रेडिकल्स उत्पन्न होते हैं, जो स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। भले ही तुरंत लक्षण न दिखें, लेकिन प्रदूषण का दीर्घकालिक प्रभाव सभी पर पड़ता है।
प्रदूषण का जल्दी असर किस पर होता है?
डॉ. हिमांशु बताते हैं कि जिनकी इम्यूनिटी पहले से कमजोर है, जैसे बुजुर्ग, डायबिटीज़ या हृदय रोग से ग्रसित लोग, उनमें प्रदूषण के दुष्प्रभाव जल्दी दिखाई देते हैं। वहीं, जिनकी इम्यूनिटी मजबूत है, उनमें प्रारंभिक लक्षण कम होते हैं। हालांकि, लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने पर जोखिम समान हो सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि स्वस्थ व्यक्ति भी प्रदूषण से बचाव करें। बाहर जाते समय मास्क पहनना और खानपान का ध्यान रखना आवश्यक है।
प्रदूषण के प्रभाव को कैसे कम करें?
विटामिन-C युक्त फल जैसे अमरूद, संतरा और नींबू का सेवन करें।
सुबह और शाम भाप लें ताकि सांस की नली साफ रहे।
पर्याप्त पानी पिएं, ताकि शरीर से टॉक्सिन बाहर निकल सकें।
धूम्रपान से बचें।
जले हुए कचरे के धुएं से दूर रहें।
