प्रज्ञा ठाकुर का विवादास्पद बयान: मोदी और योगी का नाम लेने के लिए किया गया प्रताड़ित
प्रज्ञा ठाकुर ने मालेगांव विस्फोट मामले में बरी होने के बाद एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी का नाम लेने के लिए प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कांग्रेस पर इस मामले को लेकर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। ठाकुर ने अपनी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर भी चिंता जताई। जानें इस मामले की पूरी कहानी और ठाकुर के दावों के पीछे की सच्चाई।
Aug 2, 2025, 18:25 IST
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प्रज्ञा ठाकुर का चौंकाने वाला दावा
2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष एनआईए अदालत द्वारा प्रज्ञा ठाकुर को बरी किए जाने के बाद, पूर्व भाजपा सांसद ने एक गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य के नाम बताने के लिए मजबूर किया गया और प्रताड़ित किया गया।" प्रज्ञा ने यह भी बताया कि उन्होंने सभी नाम लिखित में दे दिए हैं और कहा कि उन्हें धमकी दी गई थी, 'अगर तुम इन लोगों का नाम नहीं बताओगी, तो हम तुम्हें मार देंगे।' उनका मुख्य उद्देश्य मुझे प्रताड़ित करना था।
कांग्रेस पर गंभीर आरोप
प्रज्ञा ठाकुर ने तत्कालीन यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस इस झूठे मामले के पीछे है, जो भगवा और सशस्त्र बलों को बदनाम करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने इसे धर्म की जीत बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपनी साजिश के तहत यह झूठा मामला दर्ज कराया है, जिसका कोई आधार नहीं है। प्रज्ञा ने कांग्रेस को धर्म विरोधी और आतंकवादियों का समर्थन करने वाली पार्टी करार दिया।
स्वास्थ्य की स्थिति पर चिंता
प्रज्ञा ने आगे कहा कि उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा नहीं दी गई, जिससे उनकी स्थिति गंभीर हो गई है। उन्होंने कहा, 'मैं अंदर से पूरी तरह कमज़ोर हो गई हूँ।' मालेगांव में हुए एक शक्तिशाली विस्फोट के सत्रह साल बाद, विशेष एनआईए अदालत ने गुरुवार को ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने कहा कि केवल संदेह के आधार पर मामले को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता और अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में असफल रहा।